लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने महिला संबंधी अपराध मामले में टालमटोल करने पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने लापरवाह एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाई है। साथ ही सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। वहीं रवैया नहीं सुधारने पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

दरअसल, यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। जिसमें अफसरों ने मुख्यमंत्री के सामने ITSSO पोर्टल के आधार पर 1 अपैल 2023 से 30 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देशभर के राज्यों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। यूपी का निस्तारण रेश्यो 98.70 प्रतिशत है। जबकि केंद्र शासित राज्यों में लद्दाख पहले और दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव दूसरे स्थान पर है। इस पर सीएम योगी ने खुशी जताई थी।

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वहीं अधिकारियों ने रिपोर्ट के आधार पर बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों के अधिकारी निस्तारण को लेकर गंभीर नहीं हैं। रिपोर्ट में उनकी लापरवाही सामने आयी है। इस पर मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्नर को एक महीने में सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया। साथ ही अफसरों को एक माह बाद लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट शासन को उपब्लध कराने के निर्देश दिये हैं। माना जा रहा है कि यदि लापरवाह अधिकारियों का रवैया नहीं सुधरता है तो उनपर गाज गिर सकती है।

प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कानपुर देहात मामलों में फिसड्डी

गृह विभाग के इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज कमिश्नरेट का कॉम्प्लाएंस रेट क्रमश: 80.48 % है। वहीं प्रतापगढ़ का कॉम्प्लाएंस रेट 84.31% कानपुर देहात का 85.37% है। इस पर मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी जाहिर की और उन्होंने इन जिलों के अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधों पर लगाम के निर्देश दिए। साथ ही दर्ज मामलों में कम से कम समय में आरोपियों को सजा दिलाने की बात कही हैं।