मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है. पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगानी होगी. कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी. योगी सरकार के इस फैसले की एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आलोचना की है.

असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में लिखित आदेश जारी करने की चुनौती दी. उन्होंने सरकार के इस आदेश को ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया. साथ ही आरोप लगाया कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं.

अनुच्छेद 17 का उल्लंघन: Owaisi

ओवैसी ने योगी सरकार के इस फैसले को अनुच्छेद 17 का उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 17 में अस्पृश्यता की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश सरकार अस्पृश्यता को बढ़ावा दे रही है. आदेश दिए जाने के बाद से मुजफ्फरनगर में ढाबों के मालिकों ने मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया है. यह मुसलमानों के साथ स्पष्ट भेदभाव है. संविधान की भावना को ठेस पहुंचाई जा रही है. यह जीवन के अधिकार और आजीविका के अधिकार के खिलाफ है.

ओवैसी CM योगी को किया खुला चैलेंज

ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह इस पर लिखित आदेश जारी करें. उन्होंने बीजेपी पर मुसलमानों के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे लगातार हिंदुत्व की विचारधारा को लागू कर रहे हैं और यह उनकी बड़ी ‘योजना’ का कार्यान्वयन है.

राज्यसभा सांसद बोले- ओवैसी में जिन्ना की आत्मा घुस गई है

ओवैसी के बयान पर बीजेपी नेता एवं राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि असदुद्दीन ओवैसी में जिन्ना की आत्मा घुस गई है. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के कुछ नियम और संयम है उसका पालन होना चाहिये. दुकान पर नाम लिखने का आदेश सरकार का यह स्वागत योग्य कदम है. दुकान का जो वास्तविक नाम है वह लिखना होगा. हिन्दू और मुसलमान मिलकर चलें.

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