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Mahakumbh Economy, लखनऊ. महाकुंभ (Mahakumbh) का पर्व जारी है. रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. देश-दुनिया के इस सबसे बड़े आयोजन, सनातन के सबसे बड़े महापर्व में नया कीर्तिमान गढ़ रहा है. महाकुंभ में धार्मिक गतिविधियों (Religious activities) के साथ आर्थिक गतिविधियों (economic activities) का पहिया भी जोरों से घूम रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुंभ 2025 के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था (Mahakumbh Economy) में 3 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है. ऐसे में यदि ये कहें कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था इन दिनों महाकुंभ के इर्द गिर्द घूम रही है तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी.
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महाकुंभ में 50-55 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है. 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में पर्यटन, व्यापार और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिला है. वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश की आर्थिक ताकत में इजाफा हुआ है. अब तक के आंकड़ों की बात करें तो महाकुंभ के इन 33 दिनों में 49.11 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर चुके हैं. ये आंकड़ा सरकार के अनुमान के भी पार जा चुका है. सरकार ने 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था. लेकिन ये आंकड़ा 50 करोड़ पहुंचने वाला है. अभी महाकुंभ 12 दिन और चलेगा, ऐसे में आंकड़ा 50-55 करोड़ के आसपास जा सकता है.
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विश्वभर के लोगों को आकर्षित कर रहा महाकुंभ
बता दें कि महाकुंभ में सरकार ने तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. संगम तट पर पुलिस बल, एनडीआरएफ टीम और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. इसके अलावा संगम क्षेत्र में रहने, खाने, परिवहन, स्वच्छता, जैसे तमाम पहलुओं पर सरकार ने व्यवस्था कर रखी है. श्रद्धा का यह विशाल आयोजन विश्वभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है. वहीं पूरे संगम क्षेत्र में छोटे-बड़े व्यापार भी फल-फूल रहे हैं. इतना ही नहीं प्रयागराज में भी अर्थव्यवस्था ने जोर पकड़ रखा है.
आस्था के इर्द गिर्द अर्थव्यवस्था
जितने भी श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं, इनमें से कई यात्री रेल से आ रहे हैं. कोई प्लाइट से आ रहा है, कोई सरकारी परिवहन व्यवस्था का उपयोग कर रहा है, कोई अपने निजी वाहनों से या टैक्सी से यहां पहुंच रहा है. इन सब में यदि शटल बस सेवाओं को छोड़ दें तो भारतीय रेलवे, एयरलाइन्स, रोडवेज, टैक्सी जैसे तमाम साधनों से अर्थव्यवस्था की गाड़ी दौड़ रही है. ये सभी अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक हो रहे हैं. साथ ही श्रद्धालु प्रयागराज आकर होटलों, लॉज, धर्मशालाओं में ठहर रहे हैं, जिससे होटल इंडस्ट्री को भी बल मिल रहा है. ऐसे ही तमाम पहलू हैं जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है.
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