अयोध्या. भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव (Milkipur Assembly By-election) की डेट जारी कर दी है. भाजपा और सपा इस सीट को हर हाल में जीतने की जुगत में लगे हुए हैं. इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान किया जाएगा. वहीं 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. इस बीच ये चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए नाक का सवाल है. इस सीट पर प्रत्याशियों की किस्मत नहीं बल्कि दोनों पार्टियों की साख दांव पर लगी है. बीजपी इस सीट को हर हाल में जीतकर लोकसभा का बदला लेना चाहती है. तो वहीं सपा के सामने फैजाबाद लोकसभा में पार्टी की जीत को बरकरार रखने की चुनौती है. लोकसभा के साथ विधानसभा में भी सपा साइकिल दौड़ाना चाहती है.

सपा और भाजपा मिल्कीपुर सीट हर हाल में जीतना चाहती है. सपा ने उपचुनाव को लेकर कमर कस ली है. वहीं सीएम ने इसके लिए मंत्रियों की टीम उतार दी है. उन्होंने यहां 6 मंत्रियों को काम पर लगा दिया है. इसके अलावा दोनों डिप्टी सीएम भी यहां पर सरकार के पक्ष में माहौल बनाएंगे. इधर खुद सीएम भी यहां पर जनसभाएं करेंगे. उन्होंनो खुद इस सीट की जिम्मेदारी ले रखी है. वहीं अखिलेश यादव ने भी अपने कार्यकर्ताओं को उपचुनाव में मिली हार को भुलाने की सलाह देते हुए बूथ स्तर पर एक्टिव रहने की सलाह दी है. सपा इस सीट पर सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे पर दांव लगा रही है. ऐसे में सपा अपनी सीट को दोबारा अपने झोली में डालना चाह रही है. सपा मिल्कीपुर सीट को 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल समझकर चुनावी मैदान में उतर रही है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 दिनों में 3 बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं. इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा की संजीदगी का अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि हाल में हुए 9 विधानसभा सीट में एक-एक सीट पर अपना कदम फूंक-फूंक कर रखा था. बस मिल्कीपुर को लेकर भी कुछ ऐसी ही प्रक्रिया भाजपा अपना रही है. मिल्कीपुर सीट की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि इस सीट पर मुख्यमंत्री खुद नजर बनाये हुए हैं. जबकि 2 उपमुख्यमंत्री के साथ संगठन के समीकरण को बुनने वाले मुखिया को भी इस सीट पर बड़े अंतर से जीत के लिए लगाया गया है.

अवधेश प्रसाद के बाद खाली हुई सीट

बता दें कि साल 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने 13,000 से अधिक वोटों से भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को हरा दिया था. हार के बाद BJP प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि अवधेश प्रसाद ने गलत हलफनामा दाखिल किया. 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने मिल्कीपुर विधायक को अयोध्या से टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर सांसद बने. अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई.