लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जारी प्रयासों के क्रम में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस मौके पर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद और राज्य मंत्री बृजेश सिंह की उपस्थिति भी रही. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नए राजमार्गों- ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं के लिए नि:शुल्क शासकीय भूमि राज्य सरकार देगी.

प्रदेश के सामाजिक, सामरिक और आर्थिक महत्व की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने नई परियोजनाओं की जरूरत बताई और कहा कि भारत सरकार यदि प्रदेश में नए राजमार्गों/ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं की शुरूआत करती है तो राज्य सरकार की ओर से शासकीय भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी बस स्टेशनों के नवनिर्माण के लिए एनएचएआई का सहयोग लेना चाहती है. चरणबद्ध रूप से सभी 75 जिलों के बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है. एनएचएआई द्वारा इसे पीपीपी मोड में डेवलप किया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का स्वागत किया और अधिकारियों को प्रथम चरण में 25 बस स्टेशनों का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए.

प्रदेश में संचालित विभिन्न राजमार्ग व अन्य परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी परियोजनाओं की समयबद्धता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि सभी परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता समय से कराई जाएगी. बैठक में तय हुआ कि केंद्रीय मंत्रालय, एनएचएआई और प्रदेश सरकार के सम्बंधित विभाग हर महीने परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे. उन्होंने वाराणसी की तर्ज पर गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, बुन्देलखण्ड और सोनभद्र में रोप-वे निर्माण परियोजना पर भी चर्चा हुई. जिस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सभी जरूरी सहयोग करने का आश्वासन दिया.

कुंभ 2025 से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई और प्रतापगढ़-सुल्तानपुर-अयोध्या राज्य राजमार्ग के चार लेन चौड़ीकरण का प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सहमति दी गई. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 24-बी के रायबरेली-प्रयागराज सेक्शन में अत्यधिक ट्रैफिक व धार्मिक पर्यटन क्षेत्र होने के कारण आगामी कुंभ से पूर्व इसे चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए आवश्यक परीक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, प्रदेश के समग्र विकास में हर सम्भव सहयोग करने के लिए तत्पर है. उन्होंने लगभग 1,000 करोड़ की लागत से 12 रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की नई परियोजना की जानकारी भी दी. मुख्यमंत्री ने नवाचारों को अपनाने पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अधिकारियों को अत्याधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश दिए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निर्मित अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं. लेकिन प्रदेश के सामाजिक एवं सामरिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए नेपाल बॉर्डर से सटे जनपदों से प्रारंभ कर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जनपदों को जोड़ते हुए देश में व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों, यथा बंदरगाहों, औद्योगिक क्षेत्रों व खनिज बाहुल्य क्षेत्रों से जोड़ना आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों के लिए रिंगरोड/बाईपास मार्ग की आवश्यकता है. जिस पर केंद्रीय मंत्री महोदय ने सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया.

भारत सरकार और प्रदेश सरकार के सम्बंधित विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में हुई इस बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से गोसाईंगंज-बनी-मोहान मार्ग, सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा मार्ग, टूंडला-एटा-कासगंज राज्यमार्ग, चंदौसी-मुरादाबाद-फरुर्खाबाद राज्यमार्ग, नैमिषारण्य-गोला गोकर्णनाथ-माता पूर्णागिरि-शाहजहांपुर-फरुर्खाबाद सहित विभिन्न मार्गों के सुदृढीकरण के लिए प्रस्ताव रखा गया.