चित्रकूट. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को चित्रकूट में पौधारोपण कर मेगा पौधरोपण अभियान की शुरूआत की. इस अभियान के तहत 15 अगस्त तक राज्य भर में करीब 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. जब ये पौधे बड़े हो जाएंगे, तो ये पेड़ राज्य के लोगों को ऑक्सीजन देने के लिए पर्याप्त होंगे और 2030 तक उत्तर प्रदेश के कार्बन जब्ती लक्ष्य का 80 प्रतिशत भी पूरा करेंगे. अभियान के तहत मुख्यमंत्री ने चित्रकूट के कार्वी रेंज में एक पौधा लगाया, जबकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के.पी. मलिक ने लखनऊ के कुकरैल जंगल में एक पौधा लगाया. इसके अलावा राज्य के मंत्री और सांसद भी इस अभियान में भाग लेंगे साथ ही 75 जिलों में से प्रत्येक में एक पौधा रोपेंगे.

उत्तर प्रदेश ने इस वर्ष के मेगा पौधरोपण अभियान को 5 जुलाई से चार भागों में विभाजित किया है. जिसमें महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित ‘शक्ति वैन’ विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है. 75 जिलों में से प्रत्येक में शक्ति वैन स्थापित की जाएंगी. 5 जुलाई को कुल 25 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. अन्य 5 करोड़ पौधे (प्रत्येक दिन 2.5 करोड़) 6 जुलाई और 7 जुलाई को लगाए जाएंगे. आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य 15 अगस्त को 5 करोड़ और पौधे लगाएगा, जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष रूप से 75 पौधे लगाए जाएंगे.

वन मंत्री अरुण के सक्सेना ने कहा कि “एक बड़ा पेड़ 82,420 लीटर ऑक्सीजन प्रदान करता है, जबकि एक व्यक्ति को प्रति दिन 550 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. इन पौधों से उत्पन्न ऑक्सीजन, जब वे काफी बड़े हो जाएंगे, तो 14 करोड़ से अधिक लोगों की (ऑक्सीजन) जरूरतों को पूरा करेंगे”. राज्य वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार, राज्य के 9.23 प्रतिशत क्षेत्र में वन क्षेत्र है. 2013 में यह 8.82 फीसदी था. राज्य सरकार ने अब इस क्षेत्र को बढ़ाकर 15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. यह अभियान 2030 तक लगभग 18.55 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड को अलग करने में मदद करेगा.

वृक्षारोपण जन आंदोलन-2022 के अतिरिक्त मिशन निदेशक बी. प्रभाकर ने एक बयान में कहा कि “उत्तर प्रदेश अगले पांच वर्षों में 175 करोड़ पौधे लगाएगा. इसके परिणामस्वरूप 72 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का अधिग्रहण होगा और इस प्रकार लगभग 80 प्राप्त होगा. यूपी के कार्बन जब्ती लक्ष्य का प्रतिशत 2030 तक लक्षित है.” वृक्षारोपण अभियान के तहत लोगों को वनों से जोड़ने और उन्हें हरियाली की रक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए अमृत वन, शक्ति वन, बाल वन, युवा वन, नगर वन और खाद्य वन सहित विभिन्न प्रकार के वन विकसित किए जाएंगे.

एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ. अभिषेक शुक्ला ने कहा कि “हम व्यक्ति के रूप में भी एक पौधा लगा सकते हैं और उसके बढ़ने तक उसकी देखभाल कर सकते हैं. ऑक्सीजन के स्तर में सुधार के लिए पर्यावरण के प्रति यह हमारा अपना योगदान होगा”.

इसे भी पढ़ें : स्वास्थ्य विभाग के तबादले पर उठने लगे सवाल, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मांगा स्पष्टीकरण