मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आज सचिवालय में सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) और उप-जिला अस्पतालों के प्रमुख अधीक्षकों (CMS) के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की.

स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिए कि हर रेफरल की जिम्मेदारी संबंधित CMS पर होगी. हर रेफरल को CMS की काउंटर-साइनिंग के साथ वैध और ठोस कारणों से ही किया जाना अनिवार्य होगा. यदि किसी केस में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई या कारण अपर्याप्त पाया गया तो उस अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया कि रेफरल से संबंधित एक स्पष्ट SOP तैयार की जाए, ताकि पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ रेफरल की प्रक्रिया अपनाई जा सके.

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स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि CMO और CMS की यह जिम्मेदारी होगी कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज को अस्पताल या उच्च चिकित्सा सुविधा तक ले जाने के लिए सरकारी अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सेवा उपलब्ध कराई जाए. हमारी प्राथमिकता मरीज की जान है, न कि प्रक्रिया की जटिलता. इसके लिए पहले से एक स्थानीय एंबुलेंस नेटवर्क और संसाधन सूची भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए.

डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि कई बार मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को शव को घर ले जाने में काफी परेशानी होती है, खासकर जब जनपद में मोर्चरी वाहन या शव वाहन उपलब्ध नहीं होता. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी स्थिति में संबंधित अस्पताल प्रशासन या CMO स्वयं संसाधन जुटाकर यह सुनिश्चित करें कि शव को सम्मानपूर्वक परिजनों तक पहुंचाया जाए. एक परिवार को और कष्ट न झेलना पड़े, यह हमारी नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है.

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स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन डॉक्टरों को पोस्ट-पीजी ट्रेनिंग के बाद 13 जून को स्थानांतरण आदेश जारी किए गए थे और उन्होंने अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उन्हें तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि सेवा शर्तों की अवहेलना को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आवश्यकतानुसार संबंधित डॉक्टरों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.