शब्बीर अहमद, भोपाल। राजस्थान में छात्रों की आत्महत्या रोकने और कोचिंग सेंटरों पर कंट्रोल के लिए विधानसभा में आज बिल पेश कर दिया गया है। इस बिल को मौजूदा सत्र में ही बहस के बाद पारित करवाया जाएगा। वहीं राजस्थान सरकार के कोचिंग को लेकर सख्त कानून को एमपी में भी लागू करने की मांग उठी है। उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि राजस्थान सरकार की अच्छी पहल छात्र और अभिभावकों के हित में फैसला है। कोई छात्र गलत कदम उठाता है तो हम सबको दुख होता है, राजस्थान सरकार से मध्य प्रदेश सरकार को सीखना चाहिए। मध्य प्रदेश के बच्चों की भी चिंता करना चाहिए। कटारे ने कहा कि कोचिंग इंस्टिट्यूट बच्चों पर बेफिजूल का तनाव पैदा करते हैं, इसलिए नियम कायदे सख्त करना चाहिए। 


भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी का पलटवार

कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है, भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि राजस्थान में कोचिंग क्लासेस ज्यादा है। राज्य की आवश्यकता के अनुसार नियम बनाए जाते हैं, मध्य प्रदेश में भी यदि कुछ ऐसा होगा तो सरकार पहल करेगी। कांग्रेस का काम सिर्फ आरोप लगाना है, तालू से जिव्हा जोड़कर सिर्फ आरोप लगाते हैं। उन्हें सोचना चाहिए मध्य प्रदेश की बदनामी होती है।  

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राजस्थान सरकार ने बुधवार को विधानसभा में कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक-2025 पेश किया है। उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर कठोर कार्रवाई के साथ सजा के प्रावधान भी हैं। कानून बनने पर राजस्थान कोचिंग सेंटर्स प्राधिकरण का गठन होगा। यह किसी भी कोचिंग का निरीक्षण कर सकेगा। दस्तावेज मांग सकेगा। राजस्थान यह बिल पिछले साल केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद लाया है। केंद्र ने सभी राज्यों से नियम बनाने को कहा था। मप्र ने इसका पालन नहीं किया।

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