रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 570 करोड़ कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार 5 कलेक्शन एजेंट्स को EOW (आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो) ने आज 22 जूनको स्पेशल कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद मुईनुद्दीन कुरैशी और रोशन सिंह की 7 दिन यानि 28 जून तक पुलिस रिमांड बढ़ा दी है. वहीं पारेख कुमार कुर्रे, राहुल कुमार सिंह और मोंटू उर्फ वीरेंद्र कुमार जायसवाल को 1 जुलाई तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.

बता दें, EOW ने 18 जून को कोल स्कैम मामले में मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन कुमार सिंह, पारेख कुमार कुर्रे, राहुल कुमार सिंह और मोंटू उर्फ वीरेंद्र कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया था. EOW ने 5 दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद इन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है. इन पांचो आरोपियों पर सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर 25 रुपए लेवी वसूली का आरोप है. यानि ये 5 आरोपी कोयला लेवी के पैसों का कलेक्शन करते और उसे सिंडिकेट से जुड़े लोगों और अधिकारियों तक पहुंचाने का काम करते थे.

मामले में अन्य लोगों की होगी गिरफ्तारी

सूत्रों के अनुसा, आरोपियों ने ईओड्ब्लू की पूछताछ में कोल स्कैम सिंडिकेट से जुड़े और भी लोगों की जानकारी दी है. इस मामले से जुड़े अन्य लोगों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है. वहीं मामले में 13 जून से गिरफ्तार कारोबारी हेमंत जायसवाल, चन्द्रप्रकाश जायसवाल और निखिल चंद्राकार को EOW 24 जून को कोर्ट में पेश करेगी.

जानिए क्या है कोल घोटाला मामला

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में 570 करोड़ रुपये की अवैध कोल लेवी वसूली का खुलासा हुआ था. ईडी का दावा है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया था, जिससे व्यापारियों से वसूली की जा सके.

वहीं इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है, जिसने 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम वसूलने के लिए एक सिंडिकेट बनाया. व्यापारियों से अवैध रकम वसूलने के बाद ही उन्हें खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे. इस मामले की जांच जारी है और संबंधित अधिकारियों एवं व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.