रायपुर.सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में बीएसपी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से गठबंधन करके चुनाव लड़ेगी. इस पर पार्टी के बड़े नेता एकमत हैं. इन दोनों पार्टी को कितनी सीटें देना है. इस पर बात अटकी है. सूत्रों के मुताबिक बीएसपी छत्तीसगढ़ में गठबंधन में 10 सीटें चाहती है. लेकिन कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. इसी तरह से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से बात पाली-तानाखार सीट पर अटकी है. दिल्ली से पार्टी नेताओं को स्पष्ट निर्देश हैं कि गठबंधन के मसले पर कोई ऐसी बात न बोलें जिससे बात बिगड़ सकती हो. पार्टी ने इसका ज़िम्मा राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को दे रखा है.
दिल्ली के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम को भरतपुर-सोनहत सीट देने को राज़ी है. जबकि वो पाली-तानाखार से चुनाव लड़ना चाहते हैं. जो कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके की सीट है. बाकी सीटों पर क्या स्थिति रहेगी ये अभी साफ नहीं है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने इस मसले को सुलझाने का ज़िम्मा राष्ट्रीय स्तर के दो नेताओं को दिया है. इसमे से एक राज्यसभा और दूसरे लोकसभा के सांसद हैं. पिछले विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए कांग्रेस ने गठबंधन का फैसला किया है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का 7 आदिवासी सीटों पर प्रभाव है. जिसमें कवर्धा, बिलासपुर और कोरिया की सीटें शामिल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस की जीत को रोक दिया था.
सूत्रों के मुताबिक राज्य में बीएसपी से गठबंधन पर अंतिम फैसला राष्ट्रीय स्तर पर ही होगा. बीएसपी के साथ गठबंधन मध्यप्रदेश में भी होने की चर्चा है. लिहाज़ा दोनों राज्यों पर फैसला एकसाथ होगा. ये गठबंधन अगर होता है तो इसका फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा.
इधर, कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को दे दी है. राज्य में बीएसपी का 5 प्रतिशत वोटबैंक है. कांग्रेस को बीएसपी के सहारे एससी वोटबैंक को साध सकती है. इसका फायदा कांग्रेस को मैदानी इलाके में होगा. पिछले विधानसभा चुनाव में सतनाम सेना ने पार्टी को जबरदस्त नुकसान पंहुचाते हुए बीजेपी को सत्ता में काबिज कराने में अहम भूमिका निभाई थी. माना जा रहा है कि इस बार ऐसा ही नुकसान अजीत जोगी की पार्टी करेगी. अगर कांग्रेस को 5 प्रतिशत बीएसपी के वोटों का सहारा मिल गया तो एससी सीटों पर वो अजीत जोगी की पार्टी को नुकसान पहुंचाने से रोककर बढ़त हासिल कर लेगी.
इधर, चर्चाओं के मुताबिक खुद अजीत जोगी मायावती को साधकर बीएसपी के साथ चुनाव लड़ना चाहती है. जिससे सीटों का फायदा उसे हो. इस लिहाज़ से 30 जुलाई को रायपुर में होने वाली बीएसपी की बैठक बेदह अहम है. बीएसपी प्रभारी एमएल भारती यहां के नेताओं से उनका फीडबैक और ज़मीनी हकीकत का जायज़ा लेंगे. इसके बाद वो अपनी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपेगे. जिसके आधार पर पार्टी सीटों की मांग रखेगी.