रायपुर. गठबंधन करके राज्य में कांग्रेस अपनी जीत पक्की करना चाहती है. लेकिन इस ख़बर ने उन कांग्रेसियों को मायूस कर दिया है जो उन क्षेत्रों से चुनाव लड़ना चाहते हैं. दो दिन तक पीसीसी मुख्यालय और सर्किट हाऊस में चल रही बैठकों के बाहर सब इसी तस्दीक में जुटे रहे कि आखिर वो सीटें कौन सी हैं जो कांग्रेस गठबंधन करके दूसरी पार्टियों को देना चाहती है. इसमें कहीं उनकी पार्टी की सीटें तो शामिल नहीं हैं.

दरअसल, गठबंधन होने पर माना जा रहा है कि जांजगीर और चांपा जिले और उसके आसपास की वो सीटें बीएसपी के पास चली जाएंगी. क्योंकि इन सीटों पर बीएसपी का प्रभाव रहा है. इन सीटों पर चुनाव की तैयारी करने वाले चिंताग्रस्त हैं. इसी तरह से कोरिया, कवर्धा और उन आदिवासी सीटों के दावेदार भी चिंतित हैं जहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रभाव है. ये सभी उम्मीदवार एक दूसरे से पूछते दिखाई दे रहे हैं कि पार्टी बीएसपी और गोंगपा को कितनी सीटें दे रही हैं. वो सीटें कहीं उनकी दावेदारी वाली सीट तो नहीं है. कई दावेदार बीएसपी और दूसरी पार्टी को ये सीट दिए जाने की सूरत में बगावत करके चुनाव लड़ने के मूड में दिख रहे हैं.

इसी हालात को भांपते हुए स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भुवनेश्वर कलिता ने गठबंधन में कुर्बानी की बात कही. दरअसल, उनका बयान दावेदारों के लिए पैगाम था. नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित है कि गठबंधन होने की स्थिति में इन लोगों को मनाया कैसे जाए. बहरहाल, इसे लेकर दो दिन तक अंदर बैठक चलती रही और बाहर इसे लेकर चर्चा होती रही.