वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले में कभी भी बड़ा फैसला आ सकता है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ यह याचिका दुर्ग सांसद विजय बघेल ने दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भूपेश बघेल ने आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया था। याचिका में यह मांग की गई है कि भूपेश बघेल का निर्वाचन शून्य किया जाए। इस मामले में भूपेश बघेल की ओर से कोर्ट में 16 बिंदुओं पर जवाब पेश करते हुए कहा गया कि यह याचिका चलने योग्य नहीं है।

विधानसभा चुनाव 2023 के भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ चुनावी याचिका दायर करते हुए पूर्व सीएम के निर्वाचन को निरस्त करने की मांग की है। याचिका में विजय बघेल ने आरोप लगाया है कि पाटन क्षेत्र में आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। भाजपा का आरोप है कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद पाटन विधानसभा सीट में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए रैली का आयोजन किया गया था। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई है। इस संबंध में रोड शो कार्यक्रम की एक सीडी भी दी गई है।

वहीं आज इस याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

विधानसभा चुनाव 2023 में पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल ने कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव याचिका दाखिल की थी। याचिका में विजय बघेल ने कहा है कि 16 नवंबर 2023 को पाटन विधानसभा सीट में चुनाव प्रचार किया गया, जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज के लिए 15 नवंबर की शाम को प्रचार अभियान खत्म हो गया था। पाटन विधानसभा सीट में भी दूसरे फेज में मतदान हुआ था। याचिका में कहा गया है कि प्रावधान का उल्लंघन करते हुए 16 नवंबर को रैली और रोड शो आयोजित किया गया था। इस रैली की फोटो और वीडियो भी उपलब्ध कराए गए हैं।

आरोप है कि फोटो और वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि भूपेश बघेल रैली का आयोजन कर रहे थे, जिसमें सरकारी कर्मचारी और पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल के पक्ष में नारे लगाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भूपेश बघेल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया, इसलिए उनकी उम्मीदवारी रद्द की जाए और उन्हें दंडित किया जाए।