नई दिल्ली . दिल्ली और उसे आसपास के इलाकों में पारा गिरने का सिलसिला जारी है. रविवार को दिन का अधिकतम तापमान पिछले 12 साल के दौरान सबसे कम 23.4 डिग्री रहा. इससे पहले साल 2011 में 10 दिसंबर को दिन का सबसे कम तापमान यानी 23 डिग्री दर्ज किया गया. 10 दिसंबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान गिरकर 8.3 तक पहुंच गया था.

आईएमडी के मुताबिक आने वाले दिनों में रात के समय तापमान में और ज्यादा कमी की संभावना है. साथ ही दिन में भी तापमान में गिरावट हो सकती है. भारत मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में 20 दिसंबर के बाद से दिन में कंपकंपी महसूस हो सकती है.

तापमान में और ज्यादा कमी की संभावना

भारत मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को न्यूनतम तापमान 7 डिग्री और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक रहने का पूर्वानुमान है. राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को न्यूनतम तापमान मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री कम 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री कम और इस मौसम अब तक का सबसे कम तापमान है. जबकि अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 1 डिग्री कम है.

AQI बहुत खराब

वेबसाइट https://www.aqi.in/in/ के मुताबिक सोमवार सुबह अलीपुर 407, ग्रेटर नोएडा में 396 और नई दिल्ली में एक्यूआई 351 यानी बेहद खराब है. वहीं दिल्ली में PM 2.5 का स्तर WHO द्वारा तय मानकों से 12.7 गुना अधिक यानी कल से ज्यादा दर्ज किया गया. वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार सुबह सुबह नौ बजे 314 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. शनिवार शाम छह बजे एक्यूआई 322 दर्ज किया गया. आईएमडी के अनुसार सापेक्षिक आर्द्रता सुबह साढ़े आठ बजे 88 फीसदी दर्ज की गई. दिल्ली में अभी तक नवंबर में गंभीर वायु गुणवत्ता वाले 10 दिन दर्ज किए गए हैं. अगले पांच दिनों के दौरान तापमान में आंशिक उतार-चढ़ाव जारी रहेगा. 16 सिंबर को न्यूनतम तापामन 9 और अधिकतम तापमान 24 डिग्री रहने की संभावना है.

बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच को संतोषजनक, 101 और 200 के बीच को मध्यम, 201 और 300 के बीच को खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब, 401 और 450 के बीच गंभीर और 450 से ऊपर अति गंभीर माना जाता है.सरकार के प्रयासों का नहीं दिख रहा असर

इस वर्ष प्रदूषण के सीजन की शुरुआत में ही दिल्ली सरकार ने बायोमास बर्निंग की रोकथाम के लिए उपाय करने की बात कही थी. खासतौर पर तमाम जगहों पर सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले लोगों को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, क्योंकि रातभर ड्यूटी करने के दौरान ये लोग खुद को गर्म रखने के लिए आग जलाते हैं. इससे निकलने वाला धुआं प्रदूषण बढ़ाता है. हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार के उपाय खास कारगर साबित नहीं हुए.

क्या है बायोमास बर्निंग

सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी के मुताबिक, बायोमास बर्निंग में लकड़ी, उपला, कृषि अवशेष, पेड़ों की डालियां और पत्तियों को जलाने से निकलने वाले धुएं को शामिल किया जाता है. इससे निकलने वाला धुआं वाहनों के धुएं से कम खतरनाक नहीं होता है.