वीरेंद्र कुमार/नालंदा। नववर्ष और क्रिसमस से पहले ही नालंदा जिले में ठंड ने अपना तीखा असर दिखाना शुरू कर दिया है। पर्वतीय इलाकों में हो रही लगातार बर्फबारी का प्रभाव अब मैदानी क्षेत्रों में भी साफ नजर आने लगा है। गुरुवार की सुबह से ही जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। दोपहर 12 बजे तक भी ठंड और कोहरे का असर बरकरार रहा जिससे आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया।

कोहरे से थमी रफ्तार

तापमान में लगातार हो रही गिरावट के कारण सड़कों पर दृश्यता बेहद कम हो गई। हाईवे से लेकर गलियों तक वाहनों की रफ्तार थमी रही। हालात ऐसे रहे कि दिन के उजाले में भी छोटे-बड़े वाहन हेडलाइट जलाकर चलते दिखे। कोहरे की मोटी चादर ने पूरे इलाके को जकड़ लिया जिससे स्कूली बच्चों, कामकाजी लोगों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

गरीब इलाकों में ज्यादा असर

अचानक बढ़ी ठंड का सबसे ज्यादा असर गरीब और स्लम क्षेत्रों में देखने को मिला। लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आए। कई जगहों पर लोग आग के सहारे रात और सुबह गुजारने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कड़ाके की ठंड में खुले स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नाकाफी है।

अलाव की मांग तेज

स्थानीय निवासी नीतीश कुमार, राहुल कुमार सहित अन्य लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हर चौक-चौराहे पर अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए। उधर, चाय की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई जहां गर्म चाय की चुस्कियों से लोग ठंड से राहत पाने की कोशिश करते रहे। मौसम के इस बदले मिजाज ने साफ संकेत दे दिए हैं कि आने वाले दिनों में ठंड और भी बढ़ सकती है ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है।