लखनऊ. उत्तर प्रदेश में ColdRif सिरप (ColdRif Cough Syrup) पर बैन लगा दिया गया है. यानी अब तमिलनाडु के बाद MP, UP, दिल्ली, झारखंड और केरल में इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. सिरप से अब तक MP में 10 और राजस्थान में 1 बच्चे की मौत हो चुकी है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. जिसके परिपालन में ये कदम उठाया गया है.

बता दें कि तमिलनाडु के औषधि नियंत्रक कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉटऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू)” घोषित किया गया है. शासकीय औषधि विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चेन्नई के परीक्षण अनुसार इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई 48.6% पाई गई है, जो एक जहरीला तत्व है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है.

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दरअसल, तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की ओर से निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण कई बच्चों किडनी में इंफेक्शन फैला, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और केरल सरकार ने इस कफ सिरप की बिक्री पर बैन लगा दिया. वहीं, राजस्थान में एक और कफ सिरप और उसकी कंपनी को प्रतिबंधित किया गया है. उत्तराखंड में भी कफ सिरप की जांच के लिए छापेमारी शुरू हो गई है.

केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बच्चों के लिए खांसी की दवाओं का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करने की सलाह दी है. मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में साफ-साफ कहा है कि “दो साल से छोटे बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ सिरप बिल्कुल नहीं दिया जाना चाहिए”. उन्होंने यह भी बताया है कि “पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी सामान्य रूप से इन दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती”. विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर बच्चों की खांसी बिना किसी दवा के भी ठीक हो जाती है. इसलिए, बच्चों को दवा देने से पहले पानी पिलाना, उन्हें आराम देना और दूसरे सहायक इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिए.