धीरज दुबे, कोरबा. जिले के मानिकपुर कोयला खदान विस्तार के लिए बिना इजाजत 57 पेड़ काट दिया गया. इस मामले में एसईसीएल को कलेक्टर कोर्ट से राहत नहीं मिली है. एसईसीएल को हिदायत देते हुए ठेकेदार से पैसे लेकर जमा कराने के निर्देश दिया गया है. दरअसल एसईसीएल पर एसडीएम ने 14.25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद एसईसीएल ने कलेक्टर कोर्ट में अपील दायर किया था. दरअसल एसईसीएल की कोरबा क्षेत्र में संचालित मानिकपुर ओपनकास्ट परियोजना के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहित की गई है. खदान के अंदर भारी वाहनों की आवाजाही के लिए प्रबंधन ने सड़क चैड़ीकरण कराया. इसके लिए सड़क किनारे के पेड़ों की कटाई करा दी गई. वर्ष 2016 में अवैध कटाई की शिकायत मुख्य वन संरक्षक यानी सीसीएफ बिलासपुर से की गई थी. सीसीएफ ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद को पत्र लिख कर जांच कर कार्रवाई करने कहा था.कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए फाइल एसडीएम वीरेंद्र बहादुर पंचभाई को सौंपा था. जांच के बाद पता चला कि प्रबंधन ने लगभग 57 पेड़ बिना अनुमति कटाई कराए हैं. इस मामले में धारा 240 का उल्लंघन करना पाया गया. एसडीएम कार्यालय में सुनवाई की गई. तदुपरांत एसडीएम ने धारा 253 के तहत कार्रवाई करते हुए प्रति पेड़ 25 हजार रुपए का जुर्माना निर्धारित किया. एसईसीएल मानिकपुर उपमहाप्रबंधक को 57 पेड़ के एवज में 14.25 लाख जुर्माना लगाया. साथ ही एसडीएम ने तहसीलदार को वसूली करने का निर्देश दिया.
एसईसीएल प्रबंधन सही समय पर पैसे जमा नहीं करता है तो भू-राजस्व के नियमों के तहत एसईसीएल मानिकपुर परियोजना की संपत्ति की कुर्क कर अर्थदंड की राशि वसूली की जाए. इसी आदेश के खिलाफ एसईसीएल ने कलेक्टर कोर्ट में अपील दाखिल किया था. जिसको आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए ठेकेदार पैसे वसूल कर जमा करने का आदेश दिया गया है.
बता दें कि मानिकपुर खदान की उत्पादन क्षमता 3.50 मिलियन टन प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 5 लाख मिलियन टन करने की कवायद चल रही है. प्रबंधन इस विस्तार परियोजना के लिए अभी से तैयारी में जुट गया है. खदान में भारी वाहनों के परिचालन हेतु वर्तमान सड़क चैड़ीकरण के साथ ही कोल स्टॉक रखने, मिट्टी समतलीकरण समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं. वहीं प्रबंधन ने अगस्त 2016 में सड़क चैड़ीकरण का काम कराते हुए पेड़ों को जेसीबी से उखड़वा दिया था. इसके बाद अब पेड़ों की कटाई करा दी गई है.