आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने शनिवार को जगदलपुर आड़ावाल स्थित समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित शासकीय अस्थि बाधितार्थ बालगृह में पदस्थ भृत्य राधिका नायडू को सेवा से निष्कासित कर दिया. राधिका नायडू पर शासकीय अस्थि बाधितार्थ बालगृह में रहने वाले बच्चों के भोजन सामग्री और दैनिक उपयोग के लिए खरीदी गई सामग्री को अपने घर ले जाने का आरोप था.
इसके अलावा राधिका पर अस्थि बाधित बालकों से अपने घर के काम कराने का भी आरोप था. विभागीय जांच में सभी आरोप सही पाए जाने पर कलेक्टर ने राधिका को सेवा से निष्कासित कर दिया. राधिका नायडू को पहले भी ऐसे ही आरोपों के लिए वर्ष 2015 में निलंबित किया गया था. साथ ही एक वेतन वृद्धि रोकने की सजा देकर 2018 में सेवा बहाली की गई थी. राधिका नायडू को ऐसे ही आरोपों के लिए 2020 में फिर निलंबित किया गया था. इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन भी किया गया था. समिति द्वारा की गई जांच में आरोपों को सही पाया गया. जिसके आधार पर विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे.
आचरण की पुनरावृत्ति होने पर किया गया था निष्काषित
विभागीय जांच में सभी आरोपों के सही पाए जाने और ऐसे आचरण की पुनरावृत्ति पाए जाने पर कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 10 के तहत दीर्घ शास्ति से दंडित करते हुए राधिका नायडू को भृत्य पद से तत्काल प्रभाव से सेवा से निष्कासित किया गया.
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