पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। कलेक्टर नम्रता गांधी ने पदभार संभालते ही कलेक्ट्रेट में कई परम्पराएं बदल दी और कुछ नए नियम भी लागू कर दिए है. अधिकारियों के लिए भले ही ये बदली हुई परम्पराएं और नए नियम परेशानी पैदा करने वाले हो मगर आम जनता के लिए ये बड़े राहतभरे हो सकते है. यदि आप भी कलेक्ट्रेट आना चाहते है तो इन नए नियमों को जरूर जान लीजिए.
कलेक्टर नम्रता ने 4 बड़े बदलाव किए हैx. पहला और सबसे बड़ा बदलाव ये है कि अब कलेक्टर कक्ष के दरवाजे कभी बंद नही होंगे. कलेक्टर ने अपने सभी कार्य और मुलाकातें पारदर्शी रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है. आमतौर पर इससे पहले जब भी आप कलेक्ट्रेट गए होंगे तो कलेक्टर कक्ष हमेशा बंद ही मिला होगा, लेकिन अब ऐसा नही होगा. आपके जिले की कलेक्टर अपने कक्ष में कब क्या कार्य कर रही है, किससे मिल रही है, आप ये सब देख सकते है.
कलेक्टर नम्रता ने दूसरा बड़ा बदलाव अपने कक्ष के गेट पर अपना मोबाइल नंबर चस्पा दिया है, ताकि जिले के आम आदमी की पहुंच उन तक हो सके और लोग उनसे सीधे आपनी बात रख सकें. गरियाबंद कलेक्ट्रेट में यह पहला मौका है जब किसी कलेक्टर का नम्बर उनके चैंबर के बाहर चस्पा किया गया है. यही नहीं कलेक्टर ने लोगो से मिलने के लिए भी समय आरक्षित कर दिया है. अब जिले का कोई भी नागरिक मंगलवार और गुरुवार को सुबह साढ़े 10 से 01 बजे तक उनसे मुलाकात कर सकता है.
कलेक्टर ने तीसरा बड़ा बदलाव कार्यालय में दिन की शुरुआत राष्ट्रीय गान से करने के निर्देश जारी किए है. अब प्रतिदिन जिला कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को साढ़े 10 बजे राष्ट्रीय गान के लिए अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा. इसके बाद ही कार्यालयीन कार्य प्रारंभ होंगे. इससे एक ओर जहां देशभक्ति का जज़्बा बढ़ेगा वही दूसरी और अधिकारी कर्मचारियों के समय पर पहुंचने की आदत बनेगी.
इसके साथ ही कलेक्टर नम्रता ने एक ओर बड़ा बदलाव किया है. अब टीएल की मीटिंग और जनदर्शन मंगलवार की बजाय सोमवार को निर्धारित किया गया है. पहले टीएल बैठक ओर उसके बाद जनदर्शन कार्यक्रम होगा. इसके पीछे रविवार अवकाश के बाद अधिकारियों कर्मचारियों के सोमवार को समय पर ऑफिस पहुंचना सुनिश्चित करना बताया जा रहा है.
कलेक्टर नम्रता ने जो नई परम्पराएं और नियम लागू किए है. अधिकारियों के लिए भले ही परेशानी भरे हो सकते है, लेकिन आम जनता को कलेक्टर के इन फैसलों से बड़ी राहत मिल सकती है. हालांकि, अभी सिर्फ नई परम्पराएं एवं नियम लागू हुए है, उन पर अमल कितनी गम्भीरत से होगा यह अभी देखना बाकी है.