रिपोर्ट- प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। सकरी नदी के तट पर बना नगर का वर्षो पुराना शमशान घाट जो कि नगरवासियों के साथ साथ ग्राम समनापुर के पटेल समाज के लोगो ने इस शमशान घाट की उपयोग करती है। शमशान घाट पर फैली अव्यवस्थाएं आंसू बहने पर मजबूर कर रही है, जहां पर चद्दर की टीन से बुरी तरह टुट कर बिखर गई है। जिसके कारण से पटेल समाज और शहरवासियों को शव को जलाने के लिए बहुत दिक्कत हो रही है। खास कर बरसात के दिनों में पानी गिरने की वजह से शव को वहाँ नही ले जा रहे है। पटेल समाज के लोगो को शव को जलाने के लिए दूसरे गांव ले जाना पड़ रहा है। वही सकरी नदी शमशान घाट से दस कदम के दूरी पर है बरसात के दिनों में भी नही सूखने की कगार पर दिख रही है और आसपास में निस्तारी के लिए कोई हैण्डपम्प भी नही है जिसके कारण से लोगो को पानी के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है।
आज कवर्धा कलेक्टर नीरज बंसोड़ के निर्देश पर आज शमशान घाट से दस कदम के दूरी पर सकरी नदी की साफ सफाई करने के लिए आज जिले के आला अधिकारी एवं नगरपालिका अध्यक्ष देवकुमारी चंद्रवंशी सहित पार्षद भी सफाई अभियान में शामिल हुए थे। लेकिन नदी को देखते ही अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने आधे अधूरी नदी की सफाई की और कुछ अधिकारी और पार्षद आपस में बात चीत करते रहा कलेक्टर के जाने के बाद सभी लोग अपने अपने घर चले गए। वही कलेक्टर नीरज बंसोड़ और नगरपालिका के अध्यक्ष शमशान घाट के पास कुछ देर तक बात करते रहे है । लेकिन कलेक्टर और अध्यक्ष की नजर एक बार भी मुक्तिधाम की ओर नही गई जबकि श्मशान घाट मे सर्व सुविधा होनी चाहिए लेकिन पटेल समाज के मुक्तिधाम में अपार समस्या की वजह से श्मशान घाट आंसू बहने मजबूर रो रहा है।