परवेज खान, शिवपुरी। मध्य प्रदेश की शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर भ्रष्टाचार समेत तमाम आरोप लगाते हुए 18 पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा सौंपा था। कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने सभी 18 पार्षदों के इस्तीफे अमान्य घोषित कर दिए हैं। कलेक्टर का कहना है कि नपा अध्यक्ष के खिलाफ शासन स्तर पर कार्रवाई प्रचलित है। उनके जांच प्रतिवेदन पर तीन सीएमओ सस्पेंड भी हो चुके है। ऐसे में पार्षदों के इस्तीफे अस्वीकार किये जाते है।

शिवपुरी नगर पालिका के पार्षदों का साफ कहना है कि वह भ्रष्ट नपा अध्यक्ष के साथ काम नहीं करेंगे। अगर जल्द ही नपा अध्यक्ष को लेकर निर्णय नहीं होता है, तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। आपको बता दें कि कलेक्टर द्वारा नपा में विकास कार्यों के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की जांच में सिद्ध हो गया है कि 57 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया है। कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन पर नगरीय प्रशासन आयुक्त ने कार्रवाई करते हुए तीन सीएमओ सस्पेंड भी कर दिए गए है। वहीं नपा अध्यक्ष को भी भ्रष्टाचार का दोषी माना है।

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पिछले हफ्ते दिया था इस्तीफा

दरअसल, बीते सप्ताह 28 अगस्त गुरुवार को शिवपुरी नपा के बीजेपी और कांग्रेस के 19 पार्षदों ने इस्तीफा सौंपा था। बैंड बाजे-गाजे के साथ कलेक्ट्रेट में इस्ताफा देने पहुंचे। इस दौरान पार्षदों ने जमकर नारेबाजी भी की थी, उन्होंने गायत्री शर्मा चोर है के नारे भी लगाए थे। वहीं कलेक्ट्रेट में जब कोई अधिकारी इस्तीफा लेने नहीं आया तो पार्षदों ने धरना देते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया था।

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हनुमान मंदिर में ली थी नपा अध्यक्ष को हटाने की कसम

आपको यह भी बता दें कि दो महीने पहले बगीचा सरकार हनुमान मंदिर में 22 से अधिक पार्षदों ने कसम ली थी कि, अगर वह नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को पद से नहीं हटा सके तो वह इस्तीफा देंगे। हालांकि कलेक्टर ने सभी पार्षदों के इस्तीफे को अमान्य कर दिया हैं।

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