रायपुर। कलेक्टर कॉन्फेंस के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना की समीक्षा करते हुए खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री ने आंकड़ों को चिंताजनक बताते हुए कलेक्टर्स को ध्यान देने के निर्देश दिए. इसे भी पढ़ें : राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री साय के कड़े तेवर, कलेक्टरों को राजस्व मामलों को तेजी से निपटाने के दिए निर्देश…

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुपेबेड़ा में किडनी रोगियों की संख्या पर चिंता जताते हुए इनकी संख्या घटाने तेजी की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री साय ने इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर काम करने को कहा. इस दौरान साय ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का लाभ रोगियों को मिलने पर जोर दिया.

इसके पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर जताई सख्त नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को भाषा के संयम को लेकर विशेष हिदायत देते हुए कहा कि आपके अधिकारियों से भाषा का संयम चुका तो कार्यवाही करें. आपसे ऐसी गलती हुई तो मैं कार्यवाही करूंगा. उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे. सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें.

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े. जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि बीते 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है.