सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। कोरोना का असर कम होते देख प्रदेश में स्कूल-कॉलेज खुलने लगे हैं, लेकिन हॉस्टलों में अभी तक ताला  लटका हुआ है. 15 दिन बाद भी हॉस्टल नहीं खुलने से दूर दराज़ से आने वाले विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं. हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों का सवाल है कि आखिर घर छोड़कर विश्वविद्यालय आएँगे तो रहेंगे कहाँ.

छात्रों के परेशानियों पर रविशंकर विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि हॉस्टल खोले जाने के लिए जिला प्रशासन के आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं. सभी हॉस्टल जिला प्रशासन के आदेशानुसार संचालित होते हैं.

यूनिवर्सिटी में फ़ाइनल ईयर के छात्र भारती साहू और स्वाति ठाकुर कहती हैं कि विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है कि कब तक हॉस्टल खुलेगा. क्लासेस शुरू हो गए हैं, और आने के लिए कहा जा रहा है. सैकड़ों छात्र दूसरे ज़िले से आकर यहाँ पढ़ते हैं. दूसरे राज्य के भी छात्र यहाँ पढ़ाई करते हैं. ऐसे में छात्रावास नहीं खुलने की वजह से वापस घर लौटना पड़ रहा है. कई लोग रूम रेंट में लेकर कॉलेज जा रहे हैं, तो कई लोग रोज़ 40- 50 किलोमीटर यात्रा करने को मजबूर है.

अगले महीने से परीक्षा है, और दूरदराज़ के लोग क्लास से वंचित हो रहे हैं. ऐसे में हॉस्टल को जल्द खोलना चाहिए, ताकि सभी हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राएँ अपनी पढ़ाई को अच्छे से पूरी कर सकें.

पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गिरीश कांत पाण्डेय ने बताया कि हॉस्टल जल्द ही खोलें, इसके लिए हमारी कोशिश जारी है. जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है, जैसे अनुमति मिलेगी हॉस्टल खोल दिया जाएगा. ये जिला प्रशासन तय करेगी कि कब हॉस्टल खोला जाए. क्या नियम-क़ानून होगा जाना है, ये आदेश जारी होने के बाद ही पता चलेगा.