वडोदरा. पूरे देश के साथ गुजरात के वडोदरा शहर का सीना गर्व से चौड़ा हो गया, जब उनकी अपनी बेटी, कर्नल सोफिया कुरैशी (Sophia Qureshi) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राष्ट्र को संबोधित किया. यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत का जवाब था. यह कहानी है एक ऐसी महिला की जिसने साइंस की दुनिया से निकलकर देश सेवा सेवा के लिए सेना की वर्दी पहनी और आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.


शिक्षा और सेना का सपना
वडोदरा में पली-बढ़ीं सोफिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की. इसके बाद उन्होंने एम.एस. यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में बीएससी (1995) और फिर बायोकेमिस्ट्री में एमएससी (1997) की डिग्री हासिल की. उनके भाई मोहम्मद संजय कुरैशी बताते हैं, ‘आप कह सकते हैं कि देशभक्ति हमारे खून में है. वह प्रोफेसर बनना चाहती थी, लेकिन फिर उसने भारतीय सेना की वर्दी पहन ली.’
Sophia Qureshi पीएचडी कर रही थीं और उसे पूरा होने में सिर्फ एक साल बाकी था, जब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया. यह उनके जीवन का एक बड़ा मोड़ था.
एक गौरवशाली सैन्य विरासत
कर्नल कुरैशी एक एक तीसरी पीढ़ी की सैन्य अधिकारी है. उनके दादाजी ने भारतीय सेना में सेवा दी, और उनके पिता ताज मोहम्मद कुरैशी भी इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर में थे और 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके थे. इतना ही नहीं, उनके नाना ने भी ब्रिटिश भारतीय सेना में और बाद में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था. उनके पिता ताज मोहम्मद कुरैशी गर्व से कहते हैं, ‘वयं राष्ट्र जागृयाम’ (हम राष्ट्र को जगाए और जीवित रखेंगे). हम पहले भारतीय है, और फिर हिंदू या मुस्लिम. वहीं, कर्नल कुरैशी की मां हनीमा भी अपनी बेटी पर बहुत गर्व करती हैं. वह कहती कहती है, सिंदूर का महत्व तो महिलाएं ही जानती हैं. मेरी बेटी का बेटा, जो 15 साल का हो गया है, वह भी वायुसेना में जाने की तैयारी कर रहा है.
सेना में असाधारण उपलब्धियां
कर्नल Sophia Qureshi के नाम कई बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं. वह 2016 में ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना के दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी थीं. इस अभ्यास में 18 देशों के सैन्य दल शामिल हुए थे, और वह सभी पुरुष कमांडरों के बीच एकमात्र महिला कमांडर थीं. उनका करियर संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ छह साल तक संघर्ष क्षेत्रों में काम करने और मानवीय प्रयासों का समर्थन करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों से भी सजा है. कर्नल सोफिया के पति, ताजुद्दीन, भी सेना की मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में एक अधिकारी हैं.