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रायपुर. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) अध्यक्ष अमित जोगी ने सार्वजनिक क्षेत्रों के व्यावसायिक बैंकों के लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ़ करने की समय सीमा और वित्तीय प्रावधान नहीं रखने पर भूपेश बघेल सरकार को घेरा है. अमित ने कहा कि सरकार का यह प्रयास लोकसभा चुनाव पूर्व केवल किसानों को झाँसा देकर वाह-वाही लूटने का है.
अमित जोगी ने कहा कि बिना समय सीमा और वित्तीय प्रावधान के सरकार की ऋण माफ़ी योजना ‘टूथलेस टाइगर’ (बिना दाँत का शेर) की तरह है. अगर सरकार वास्तव में इसका लाभ को देना चाहती है, तो आचार संहिता लागू होने के पहले इस तथाकथित “शेर” में दाँत लगाना आवश्यक है. इसके लिए उन्होंने योजना के अंतर्गत सभी 21 व्यवसायिक बैंकों से नेगोशिएशन कर वन टाइम सेटलमेंट (OTS) की भांति देय राशि का निर्धारण और वित्तीय प्रावधान 31 मार्च 2019 तक करने का वित्त विभाग को स्पष्ट आदेश जारी लेने की मांग की.
अमित जोगी ने कृषकों के द्वारा निजी बैंकों, निजी वित्तीय संस्थाओं, RBI द्वारा संचालित माइक्रो फ़ाइनैन्स संस्थाएँ तथा और ग़ैर-संस्थात्मक स्रोतों से मध्यक़ालीन और दीर्घक़ालीन ऋणों की माफ़ी को भी सम्मिलित कर योजना का विस्तारीकरण करने की मांग की है.