रायपुर. वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव ने जीएसटी को व्यापारियों व व्यावसाईयों के लिए सरल और सुविधाजनक बनाने उनसे सुझाव मांगे. उन्होंने आज रायपुर के नवीन विश्राम भवन में चार्टर्ड एकांउटेंट्स, औद्योगिक व व्यापारी संगठनों तथा विभिन्न शहरों के जीएसटी बार एशोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में जीएसटी के प्रावधानों एवं इनके क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तृत चर्चा की. सिंहदेव ने जीएसटी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे. उन्होंने इन सुझावों को जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में रखने का आश्वासन दिया.

वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव ने विभागीय काम-काज की समीक्षा की. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों एवं व्यावसाईयों को जीएसटी जमा करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कर संग्रहण से राज्य का विकास जुड़ा हुआ है. लक्ष्य के अनुरूप जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इसका संग्रहण करें.

बैठक में सिंहदेव ने जीएसटी के डिवीजन और सर्किलवार संग्रहण के साथ-साथ इसके सेक्टरवाइज प्राप्तियों की भी समीक्षा की. वाणिज्यिक कर विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, आयुक्त रितेश अग्रवाल और विशेष आयुक्त टीएल ध्रुव भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए. वाणिज्यिक कर मंत्री सिंहदेव ने चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के मुताबिक जहां कर संग्रहण में कमी है, वहां कमियों-खामियों को दूर कर राजस्व संग्रहण बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रदेश में कर संग्रहण की समीक्षा के लिए आगामी अगस्त और सितम्बर माह में भी विभागीय बैठक आयोजित करने को कहा. सिंहदेव ने बैठक में जीएसटी अधिनियम के तहत व्यापार-व्यवसाय से जुड़े अधिक से अधिक लोगों का पंजीयन करने के निर्देश दिए. इससे राज्य का कर आधार बढ़ेगा और राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

प्रदेश में अभी जीएसटी के अंतर्गत कुल एक लाख 73 हजार डीलर पंजीकृत हैं. इनमें से 15 हजार पांच करोड़ से अधिक टर्न-ओवर वाले डीलर हैं. वहीं कंपोजिशन का लाभ लेने वाले डीलरों की संख्या 35 हजार है. वाणिज्यिक कर विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को ज्यादा जीएसटी जमा करने वाले टॉप 100 डीलरों से इसकी प्राप्ति की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने जिन कमोडिटी क्षेत्रों में कर संग्रहण अपेक्षा के अनुरूप नहीं है, उन क्षेत्रों में इसकी वसूली की गहन समीक्षा करने को कहा.

वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त रितेश अग्रवाल ने बैठक में बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 22 हजार करोड़ रूपए कर संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है. इस वर्ष की पहली तिमाही (1 अप्रैल 2023 से 25 जून 2023 तक) में 4512 करोड़ 35 लाख रूपए का कर संग्रहण कर लिया गया है, जो पूरे वर्ष भर के लक्ष्य का करीब 21 प्रतिशत है. अग्रवाल ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में कर संग्रहण में 2929 करोड़ 89 लाख रूपए की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2021-22 की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है. पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 17808 करोड़ 66 लाख रूपए की कर वसूली हुई है, जबकि 2021-22 में 14878 करोड़ 77 लाख रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई थी.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस साल पहली तिमाही में पिछले वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में गुड्स सेक्टर के अंतर्गत सौर ऊर्जा सेक्टर में 150 प्रतिशत, नॉन-फेरस मेटल्स में 109 प्रतिशत, निर्माण अधोसंरचना में 20 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक्ल्स में चार प्रतिशत, टायर्स एवं ट्यूब्स में दस प्रतिशत तथा फॉर्मास्यूटिकल्स एंड मेडिसीन में 56 प्रतिशत ज्यादा जीएसटी प्राप्त हुआ है. वहीं सर्विस सेक्टर के तहत वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट सेक्टर में 38 प्रतिशत, मानव संसाधन में चार प्रतिशत, बीमा में 11 प्रतिशत, शासकीय क्षेत्र में 15 प्रतिशत तथा दूरसंचार, पोस्टल व कुरियर सेवा में 324 प्रतिशत अधिक राजस्व पहली तिमाही में पिछले साल की तुलना में प्रदेश को मिला है. समीक्षा बैठक में वाणिज्यिक कर विभाग के अपर आयुक्त टीआर धुरवे और नीलिमा तिग्गा सहित सभी डिवीजन, सर्किल के अधिकारी मौजूद थे.