लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व वादों के निस्तारण में लापरवाह तहसीलदार से लेकर डीएम के बाद अब मंडलायुक्तों की रिपोर्ट तलब की है. योगी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने राजस्व वादों की समीक्षा बैठक की. इसमें उन्होंने पाया कि प्रदेश के 18 मंडलों में राजस्व वाद के 4,619 मामले विचाराधीन हैं. इसके अलावा 18 मंडलों में राजस्व वाद के एक वर्ष से अधिक और 3 वर्ष से कम अवधि के 1,633 मामले लंबित हैं. इसी तरह 3 वर्ष से अधिक व 5 वर्ष से कम अवधि के 1,342 मामले लंबित हैं, जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के 8,287 मामले लंबित हैं. इस पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने नाराजगी जाहिर की.
जानकारों की मानें तो राजस्व वादों के निस्तारण में लापरवाह मंडलाय की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. रिपोर्ट को जल्द ही सीएम योगी के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है. इसके बाद वह लापरवाह मंडलायुक्तों के खिलाफ कड़ा निर्णय ले सकते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राजस्व वादों को लेकर मंडलीय न्यायालय से संबंधित मंडलायुक्तों की समीक्षा बैठक की. इसमें राजस्व वादों के निस्तारण में कई मंडलायुक्तों की लापरवाही सामने आई. इसमें उन्होंने लापरवाह मंडलायुक्तों को फटकार लगाई, जबकि अच्छा काम करने वाले मंडलायुक्तों की प्रशंसा की.
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मुख्य सचिव ने बैठक में पाया कि अलीगढ़, अयोध्या, बस्ती, विन्ध्याचल और आगरा मंडल राजस्व वादों के निस्तारण में सबसे ज्यादा लापरवाह रहे हैं, जिससे यहां पर राजस्व वादों के लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, सहारनपुर और चित्रकूटधाम मंड अगला राजस्व वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया है. मुख्य सचिव ने राजस्व वादों के निस्तारण में खराब और अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंडलायुक्तों की कैटेगरी वार रिपोर्ट तैयार कर ली है. वह जल्द ही सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
अलीगढ़, अयोध्या और बस्ती मंडलायुक्त राजस्व वादों के निस्तारण में फिसड्डी
बैठक में पाया कि सबसे ज्यादा अलीगढ़ मंडल में राजस्व वाद के मामले विचाराधीन और लंबित हैं. यहां राजस्व वाद के 2,445 मामले विचाराधीन हैं, जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वादों की संख्या 320 इसी तरह अयोध्या मंडल में विचाराधीन मामलों की संख्या 1,0 जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वादों की संख्या 1,175 है. बस्ती मंडल में 942 मामले विचाराधीन है, जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वादों की संख्या 792 है. वहीं विन्ध्याचल मंडल में 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद 649 हैं. आगरा मंडल की बात करें तो पर 508 मामले विचाराधीन हैं. यहां पर भी सबसे ज्यादा 5 वर्ष से अधिक अवधि के 612 मामले लंबित हैं. मुख्य सचिव की ओवरऑल रिपोर्ट के अनुसार अलीगढ़, अयोध्या, बस्ती, विन्ध्याचल और आगरा मंडल राजस्व वाद के निस्तारण में फिसड्डी रहा.
मेरठ, मुरादाबाद और वाराणसी का रहा अच्छा प्रदर्शन
राजस्व वाद के निस्तारण में मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, सहारनपुर और चित्रकूटधाम मंडल का प्रदर्शन अच्छा रहा. इनमें मेरठ में सिर्फ 103 मामले विचाराधीन हैं, जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद केवल 2 हैं. इसी तरह मुरादाबाद में 62 मामले विचाराधीन हैं. यहां वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद 6 हैं. वाराणसी मंडल में 4 विचाराधीन हैं जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद 34 है. सहारनपुर की बात करें तो यहां 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद की संख्या 41 है. वहीं चित्रकूटधाम मंडल में 61 मामले विचाराधीन हैं जबकि 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद की संख्या 97 है.
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