लक्षिका साहू, रायपुर। गर्मी आते ही आम जनता को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. जनता के लिए पानी की कमी भी अब जैसे आम बात होने लगी है. गर्मी के दिनों में जलस्तर का कम होना पानी की समस्या का मुख्य कारण है जिसका समाधान करना प्रशासन के जिम्मे होता है. अप्रैल का महीना आते ही रायपुर में भी हर साल की तरह पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. नगर निगम रायपुर के 10 जोनों के अंतर्गत आने वाले कई इलाके ऐसे है जिनमे नल से पानी या तो कम प्रेशर के साथ पहुंच रहा है या पानी कुछ दिनों से आना ही बंद हो चुका है. बूंद-बूंद टपकते नल के जल से अब जीवन व्यापन करना मुश्किल हो चुका है.

नगर निगम रायपुर इस बात का दावा करता है कि गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या न हो इसके लिए वे पूर्ण रूप से तैयार है लेकिन राजधानी के कई इलाकों में पानी की समस्या आन पड़ी है. जोन 5 के विनोबा भावे नगर, हनुमान नगर बस्ती, वाल्मीकि नगर, चंद्रशेखर नगर सहित कई इलाके पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं नगर निगम जोन क्रमांक 9 के क्षेत्र में होली से पहले ही नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है. पिछले चार सालों में दलदल सिवनी में पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. क्षेत्र वासियों का आरोप है कि कई आवेदनों के बावजूद नगर निगम जल संकट की गंभीरता से अनभिज्ञ है. टैंकरों से जल की पूर्ति करने की कोशिश की जाती है लेकिन ऐसा नहीं होता. लोगों का कहना है कि पानी का टैक्स तो सरकार लेती है मगर गर्मी आते ही पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने में सक्षम बिलकुल नहीं है.

दलदल सिवनी की एक महिला ने बताया कि इस साल पानी की समस्या त्योहार से पहले ही शुरू हो चुकी है. टैंकर वाले पानी की पूर्ति करने पहुंचते तो है लेकिन चार बाल्टी पानी ही मिल पाता है. सामान्य दिनो में जितनी पानी की आवश्यकता होती है, टैंकरों से उसकी भी पूर्ति नहीं हो पाती. सालों से नगर निगम में लगातार आवेदन दिया जा रहा है. महिलाएं समूह में नगर निगम आवेदन देने पहुंचती है. पुराने पाइप को उखाड़ कर नया पाइप लगाने की आवश्यकता है. लेकिन लेकिन उसका कोई असर नहीं होता कोई नहीं सुनता.

द्वारिका विहार के एक निवासी ने बताया की कुशाभाऊ ठाकरे वार्ड के अंतर्गत आने वाले इलाके में जल संकट किसी से छुपी नहीं है. यहां पीने की पानी की समस्या लगातार बनी हुई है डभरी पारा, शिवाजी नगर ,द्वारका विहार ऐसे क्षेत्र है जहां पानी की समस्या बनी हुई है. 4 साल से लगातार कंप्लेंट किया जा रहा है लेकिन कोई समाधान नहीं निकाल कर आ रहा है .नगर निगम में जोन कमिश्नर के पास कंप्लेंट किया जाता है तो पीने के लिए टैंकर भिजवा दिया जाता है .नगर निगम ने कहा है कि उन्होंने प्रस्ताव भेजा है इस क्षेत्र में नई पाइपलाइन बिछाने के लिए फाइल संचनालय भेजा गया है जिसकी स्वीकृति अभी तक नहीं हुई है. पाइपलाइन बदलने से यह समस्या ठीक हो सकती है लेकिन अभी तक कार्य कहीं तक पहुंचा नहीं है. कई बार काम में जाने में भी समस्या होती है पानी की कमी होने की वजह से काम में भी नहीं जा पाते.

प्रशासनिक दावे और तैयारियां

नगर निगम के अपर आयुक्त विनोद पांडेय का कहना है की नगर निगम ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी कर ली है. शहर में 45 टंकियां है, पाइपलाइन के माध्यम से शहर के अलग-अलग हिस्सों तक पानी पहुंचाया जाता है. सभी टंकियां को उनकी क्षमता के अनुरूप भरा जा सके इसकी तैयारी की गई है. फिल्टर प्लांट की 310 MLD की क्षमता है और पूरी क्षमता के साथ विभाग काम कर रहा है. दूरस्थ टंकियां में दूरस्थ टंकियां को भरने में समस्या आती है संख्या पूरी तरीके से नहीं भर पाती. पिछले साल गर्मी बढ़ने के बाद कुछ क्षेत्रों में प्रेशर की समस्या आई थी. गर्मी के दिनों में ट्यूबवेल लोगों द्वारा ज़्यादा उपयोग किया जाता है जिसकी वजह से प्रेशर कम हो जाता है. ऐसे क्षेत्रों में टैंकर से पानी भेजा जाएगा. पर सवाल ये उठता है कि यदि प्रशासन अपनी पूरी क्षमता से काम कर रही है तो आम जानता को साल दर साल जल संकट से क्यों जूझना पड़ता है .

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