सत्या राजपूत, रायपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ (संबद्ध – छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ) ने 6 जुलाई को रायपुर में आयोजित महासमिति बैठक में छह प्रमुख मांगों को लेकर आगामी रणनीति तैयार की है। राजधानी में आयोजित इस बैठक में कार्यकारी प्रांताध्यक्ष एवं संरक्षक रविंद्र तिवारी और प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार की उपस्थिति में प्रदेशभर से आए 300 पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।


बैठक में सहमति के आधार पर मांग पूरी कराने संघीय कार्रवाई का निर्णय पारित किया गया। इसमें राज्य में पदस्थ 4200 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर समय-समय पर विभिन्न स्तर पर निरंतर विनम्र निवेदन, आवेदन, ध्यानाकर्षण कराने के साथ 3 दिवसीय ऐतिहासिक आंदोलन करने के पश्चात भी शासन स्तर पर मांगों पर न तो कोई ठोस निर्णय गया और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की गई। सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा जिसके कारण प्रदेश के सभी सामुदायिक अधिकारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।

बैठक में 6 मांगों पर सहमति जताते हुए शासन स्तर से निराकरण कराने सहमति प्रदान की गई-
(1) भारत सरकार द्वारा जारी प्रस्ताव एवं राज्य शासन के घोषणा पत्र के अनुरूप नियमिति करण की प्रक्रिया पूर्ण होते तक 62 वर्ष उम्र तक नौकरी की सुरक्षा,गारंटी प्रदान किया जाए।
(2) भारत सरकार द्वारा जारी वित्त दिशा निर्देश के अनुरूप प्रति माह 25000/वेतन एवं 15000/ कार्य आधारित वेतन (PLP) प्रतिमाह निर्धारित तिथि में प्रदान किया जाए।
(3) गृह जिला में स्थानांतरण की सुविधा प्रदान किया जाए।
(4) राज्य शासन मानव संसाधन नीति2018 का अनुरूप एवं कर्मचारी भविष्य निधि के नियमानुसार EPF का लाभ प्रदान किया जाए।
(5) आयुष्मान आरोग्य मंदिर में बैठ कर opd संचालन करते हुए 12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मूलभूत कार्य संपादन में अवरोध पैदा करते हुए ब्लॉक एवं जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए दबाव देने एवं किए जा रहे दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाया जाए।
(6) विभाग प्रमुख द्वारा सभी संवर्ग के कर्मचारियों के लिए जारी कार्यदायित्व के अनुरूप कार्य लिया जाय तथा कार्यदायित्व के विपरित दबाव पूर्वक कराए जा रहे कार्य पर रोक लगाया जाए।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ के संरक्षक रविंद्र तिवारी और प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि यदि राज्य शासन एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा समय सीमा में कर्मचारी हित में ठोस निर्णय नहीं लेती है एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों से दबाव पूर्वक लिए जा रहे नियम विरुद्ध कार्य पर तुरंत रोक नहीं लगाई जाती है तो संघ न चाहते हुए भी बड़ा कदम उठाते हुए राज्य स्तर पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग बंद करने के साथ-साथ कार्य बंद करने का निर्णय लेने बाध्य होगा। परिणाम स्वरूप ग्रामीणों के उपचार में आने वाली बाधाओं के लिए शासन की पूर्ण जवाबदेही होगी।
महासमिति की बैठक में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष देवानंद ,प्रदेश उपाध्यक्ष – दीपचंद निषाद, हिरेंद्र कुमार कर, प्रांतीय महामंत्री आशीष नंद, हीरामन साहू, प्रांतीय महासचिव हेमंत साहू, अविनाश तिग्गा, प्रांतीय सचिव निधि श्रीवास, प्रीति पांडे, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी,सह सचिव हिमानी सिन्हा, मिथलेश साहू अस्मिता कुजूर,प्रांतीय संगठन सचिव ओम कुर्रे, पायल वर्मा प्रदेश कोषाध्यक्ष सोहन कुंभकार, सह कोषाध्यक्ष अंजू खरे, प्रांतीय संगठन सचिव अमित पारथी, विकास राठौर, मीडिया प्रभारी प्रतीक कुमार गुप्ता, प्रियंका तिर्की, आईटी सेल प्रभारी हेमराज निषाद, दीपक वर्मा, नैना नवीन, नीयत राम सिदा र, सहित प्रदेश के समस्त जिला अध्यक्ष और समस्त ब्लॉक अध्यक्ष उपस्थित रहे।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें