रायपुर.मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी सरकार के 14 वर्षो की शानदार सफलताओं का पूरा श्रेय सबसे आम जनता को दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने सामाजिक-आर्थिक विकास और अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाई है। डॉ. सिंह ने कहा – बहुत जल्द छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाएगा.उन्होनें कहा कि पिछले चौदह साल में विकास के किसी भी पैमाने पर छत्तीसगढ़ की तुलना अन्य राज्यों के विकास से करके देख लें,यह आपको एक-दो गुना नहीं,दस गुना ज्यादा दिखाई देगा और यह राज्य देश के किसी भी राज्य से दस कदम आगे ही रहेगा। सीएम आज रात अपने निवास परिसर में वरिष्ठ पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की इस विकास यात्रा में हम सबको को राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सदैव आगे बढ़कर सहयोग और समर्थन दिया। इतना ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, पंचायत प्रतिनिधियों और नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों का भी इसमें सराहनीय सहयोग रहा। अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार की योजनाओं को मैदानी स्तर पर अमलीजामा पहनाने में भरपूर योगदान दिया। इसके फलस्वरूप राज्य को विकास के हर क्षेत्र में कामयाबी मिली। मीडिया प्रतिनिधियों ने सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया।
डॉ. सिंह ने कहा – छत्तीसगढ़ की आदर्श सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास, साढे तीन लाख से ज्यादा वनवासी परिवारों को वनअधिकार मान्यता पत्रों का वितरण, सड़क और संचार नेटवर्क का विस्तार, प्रदेश के सभी लगभग 56 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़कर उनकी बीमा राशि तीस हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपए करना और तेन्दूपत्ता श्रमिकों का पारिश्रमिक 450 रूपए से बढ़ाकर प्रति मानक बोरा 2500 रूपए तक पहुंचाना राज्य सरकार के 14 वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों में से है।
मुख्यमंत्री ने कहा – अब आगामी यात्रा के लिए हमारे सामने एक चुनौती है कि विगत 14 वर्षो के कार्यकाल से और भी ज्यादा क्या बेहतर कर सकते हैं। वर्ष 2018 के लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा – स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ वर्ष 2018 में शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो जाएगा। प्रदेश के शत-प्रतिशत गांवों और मजरो टोलों का विद्युतीकरण, 36 लाख घरों तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन पहुंचाना, ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी पट्टो का वितरण, संचार क्रांति योजना के तहत वितरित किए जाने वाले 55 लाख स्मार्ट फोन धारकों को प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आधार कार्ड और मोबाइल कनेक्शन से जोड़ना भी हमारे लिए वर्ष 2018 के प्रमुख लक्ष्य होंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले 14 साल में राज्य ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। वर्ष 2003 और 2017 की तुलना करे तो हम देखते हैं कि प्रदेश का बजट सात हजार 328 करोड़ से बढ़कर 82 हजार करोड़ रूपए हो गया। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 47 हजार करोड़ से बढ़कर दो लाख 80 हजार करोड़ रूपए तक पहुंच गया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आमदनी 12 हजार रूपए से बढ़कर 91 हजार रूपए हो गई। राजस्व संभाग तीन से बढ़कर पांच और जिले 16 से बढ़कर 27 हो गए। तहसीलों की संख्या 98 से बढ़कर 150 हो गई। बिजली उत्पादन क्षमता 4732 मेगावाट से बढ़कर 22 हजार 764 मेगावाट तक पहुंच गई। राज्य में इस दौरान विद्युतीकरण का प्रतिशत 91 से बढ़कर 98.67 प्रतिशत हो गया। डॉ. सिंह ने कहा कि बिजली की खपत बढ़ना विकास की निशानी होती है। बीते 14 साल में राज्य में प्रति व्यक्ति औसत बिजली खपत 525 यूनिट से बढ़कर 1724 यूनिट हो गई। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की खपत में काफी इजाफा हुआ। गांवों में बिजली की औसत वार्षिक खपत 588 यूनिट से बढ़कर 4400 यूनिट हो गई। गरीबों का देश का पहला खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ ने बनाया।
उन्होंने कहा – राज्य सरकार ने भौतिक अधोसंरचनाओं के साथ-साथ सामाजिक अधोसंरचना विकास में भी अच्छी सफलता हासिल की है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता 26.78 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2003 की स्थिति में प्रदेश में केवल 418 पूर्ण सिंचाई योजनाएं थी। विगत 14 साल में इनकी संख्या बढ़कर 2419 हो गई। सड़क निर्माण के क्षेत्र में भी राज्य को शानदार कामयाबी मिली है। वर्ष 2003 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत छत्तीसगढ़ में केवल 1072 किलोमीटर सड़के थी। हमारी सरकार ने इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया और आज की स्थिति में इस योजना के तहत 22 हजार 750 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है। यह एक बड़ी उपलब्धी है। डॉ. सिंह ने कहा – छत्तीसगढ़ सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का कीर्तिमान बनाया है। युवाओं को कौशल उन्नयन का अधिकार देकर सभी 27 जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज खोले गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के प्रथम साढ़े तीन साल देश में नीतिगत परिवर्तनों के वर्ष रहे हैं। श्री मोदी ने सहकारी संघवाद को मजबूत बनाने के लिए नीति आयोग का गठन किया और इस आयोग के जरिए राष्ट्रीय राजस्व में राज्यों की भागीदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दी। इससे राज्यों को विकास के लिए पर्याप्त राशि मिलने लगी है। प्रधानमंत्री ने देश के खनिज बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) का गठन किया, जिसमें खनिज राजस्व का 33 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में आज डीएमएफ की राशि से विकास के लगभग चार हजार करोड़ रूपए के काम चल रहे हैं।
डॉ. रमन सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य का वित्तीय प्रबंधन बहुत बेहतर है। हाल ही में ग्लोबल रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने थर्ड पार्टी मूल्यांकन में छत्तीसगढ़ सहित देश गुजरात और हरियाणा को देश के सर्वाधिक तेज गति से विकास की ओर अग्रसर राज्य बताया है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्रीगण, सांसद और विधायक तथा मुख्य सचिव  विवेक ढांड और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।