नई दिल्ली. देश में विमानन कंपनियों के खिलाफ लोगों की सेवाओं को लेकर शिकायतें बढ़ गई हैं. इनमें पिछले महीनों को देखा जाए तो फ्लाइट में समस्या, ग्राहक सेवा और स्टाफ के बर्ताव से जुड़ी शिकायतें पिछले तीन महीनों में बढ़ी हैं. इसके अलावा एयर इंडिया निजीकरण के बाद भी शिकायतों के मामले में नंबर दो पर बनी हुई है.
नागर विमानन महानिदेशालय की अप्रैल महीने की जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइट से जुड़ी समस्याओं की शिकायतों का प्रतिशत कुल शिकायतों में 42.5 फीसदी हो गया है. ये आंकड़ा मार्च में 37.8 और फरवरी में 34.3 प्रतिशत था. वहीं ग्राहक सेवाओं की बात की जाए तो अप्रैल में 20 फीसदी शिकायतें इससे जुड़ी रही हैं. मार्च और फरवरी में ये प्रतिशत क्रमश: 19.4 और 17.7 था.
स्टाफ के बर्ताव को लेकर शिकायत
वहीं स्टाफ के बर्ताव की बात की जाए तो इस महीने इससे जुड़ी 6.4 प्रतिशत शिकायतें मिलीं. मार्च और फरवरी में ये प्रतिशत 3.7 और 5.5 था. हालांकि रिफंड के मोर्चे पर पहले से आ रही शिकायतों में कुछ सुधार देखने को मिला है. अप्रैल में इन शिकायतों से जुड़ा प्रतिशत 17.2 है. मार्च और फरवरी में ये क्रमश: 29.7 और 31.5 प्रतिशत था.
सबसे ज्यादा इस कंपनी में मिली शिकायतें
2020 के अप्रैल महीने में 360 यात्रियों ने शिकायत की है. इनमें से सबसे ज्यादा शिकायतें फ्लाई बिग नाम की विमानन कंपनी से जुड़ी है. वहीं दूसरे नंबर पर एयर इंडिया है. तीसरे नंबर पर स्पाइस जेट, चौथे पर गो एयर और पांचवे नंबर पर एयर एशिया और शिकायतों के मामले में छठे और सातवें नंबर पर क्रमश: इंडिगो और विस्तारा है. इन शिकायतों और इनसे जुड़े कदमों को लेकर हिन्दुस्तान ने विमानन कंपनियों से संवाद स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन कंपनी के प्रतिनिधियों की तरफ से ईमेल और व्हाट्सऐप संदेशों का खबर लिखने तक कोई जवाब नहीं दिया गया.
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