पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. बिरीघाट में सरपंच-सचिव की उदासीनता के चलते गांव में विकास कार्य ठप पड़ा है. सरपंच-सचिवों की लापरवाही और अनियमितता से नाराज ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर सरपंच-सचिव को बर्खास्त करने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा, जनपद में शिकायत की सुनवाई नहीं होती, इसलिए कलेक्टर जनदर्शन में पहुचे हैं.

उप सरपंच कनेश्वर मांझी के नेतृत्व में आज मैनपुर ब्लॉक के बीरीघाट पंचायत के 30 ग्रामीण गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के समक्ष पहुंचे. ग्रामीणों ने पंचायत में हो रही अनियमितता को गिनाकर सरपंच प्रेमशिला नागेश, सचिव तुकाराम नायक व रोजगार सहायक ऋषिता वैष्णव को बर्खास्त करने की मांग की. ग्रामीणों के आवेदन में पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, पीडीएस भवन, महिला सामुदायिक भवन जैसे कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य को अधूरा बताया गया है. शिकायत में कहा गया है कि सालभर से पंचायत में कोई सभा नहीं हुई. सारे सभा कागजों में दर्शाए जा रहे. किसी भी कार्य की जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी जाती. ग्राम पंचायत विकास मद के लाखों रुपए को कागजों में दर्शाया जाता है. शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए कलेक्टर ने जिला पंचायत को जांच के निर्देश दिए.

एप्पल बेर नर्सरी का बेचा 40 नग प्लेट

ग्रामीणों ने कहा, एप्पल बेर के नाम से पूर्व में लाखों का घोटाला जिस नर्सरी में किया गया था, अब वहां लगे सोलर पम्प के 40 नग प्लेट को पंचायत ने बेच दिया है. गौठान में बोर कराए बगैर बोर का राशि आहरण कर लिया गया है. भारी गड़बड़ी करने वाले जिम्मेदार जवाब देने के डर से कभी एक स्थाई जगह पर नहीं बैठते. इससे जन्म मृत्यु पंजीयन कराने व जाति निवास प्रमाण पत्र बनाने वालों को चक्कर लगाना पड़ता है.

नियमित आहरण के बावजूद दो साल से दिव्यांग को नहीं मिला पेंशन

ग्रामीणों के साथ पहुंचे बनसिंग ने कलेक्टर को अलग से आवेदन दिया, जिसमें पीड़ित पिता ने बताया कि 14 साल के दिव्यांग बेटी गिरुमती यादव को दो साल से पंचायत पेंशन देना बंद कर दिया है. राशि नियमित आहरण भी हो रहा है. पंचायत सचिव को कहने पर पेंशन की रकम अपने पास सुरक्षित होना बता रहा. भुगतान के लिए हमेशा तारीख पर तारीख दिया जाता है. सालभर से बगैर पगार के काम कर रहे भृत्य राजेंद्र यादव ने भी वेतन भुगतान की गुहार लगाई.

शिकायत के बाद भी जनपद के अफसरों ने नहीं की कार्रवाई

ग्राम पंचायत की मॉनिटरिंग के लिए जनपद पंचायत की जवाबदारी होती है पर इस संस्था में लिखित मौखिक शिकायत कर त्रस्त हो चुके ग्रामीण न्याय की आश लेकर सीधे कलेक्टर के पास पहुुंच गए. वजह पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि 10 साल पहले जिले का सबसे बड़ा एप्पल बेर घोटाला अफसरों ने पंचायत के कंधे का इस्तेमाल कर इसी पंचायत में किया. दौरे पर आए अफसरों को बार-बार समस्या से अवगत कराने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

सभी आरोप निराधार : पंचायत सचिव

इस मामले में पंचायत सचिव तुकाराम नायक ने कहा, मैंने कोई भ्रष्टाचार या गबन नहीं किया है. ज्यादातर अधूरे कार्य मेरे कार्यकाल का नहीं है. बैठक पंजी में उल्लेख है सभा व बैठक का, मेरे उपर लगाए सभी आरोप निराधार है.

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