रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर आज रायपुर में वन्यप्राणियों की बीमारियों तथा निश्चेतना पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर शामिल हुए। उन्होंने विगत 17 जून से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आज नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में फिल्ड डिमास्ट्रेशन कार्य का मौके पर अवलोकन भी किया। वन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में मानव-हाथी द्वंद्व में नियंत्रण सहित अन्य वन्य प्राणियों की बीमारियों के इलाज तथा निश्चेतना संबंधी कार्य में महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे राज्य की राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर निर्भरता कम होगी और वन्यप्राणियों की बीमारियों की इलाज तथा निश्चेता संबंधी कार्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य और अधिक सक्षम बनेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य के वनाधिकारियों तथा संविदा पर पदस्थ पशु चिकित्सकों के लिए वन्यप्राणियों की बीमारियों एवं निश्चेतना विषय पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के अंतिम दिवस आज डार्ट गन की सहायता से फील्ड डिमास्ट्रेशन कराया गया। इस दौरान पुलिस कांस्टेबल चंद्रपुर अजय मराठे, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी रवि खोबरागड़े तड़ोबा टायगर रिजर्व महाराष्ट्र तथा वैज्ञानिक, कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा दुर्ग डॉं जसमीत सिंह द्वारा डार्ट गन के प्रत्येक पार्टस के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। डार्ट गन के संचालन आने वाली समस्याएं और इसके निदान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।

फिल्ड डिमास्ट्रेशन में सभी डाक्टरों को डार्ट गन चलवा कर अभ्यास कराया गया। इसके अलावा मैदानी कर्मचारियों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर डार्टगन चलाने का अभ्यास कराया गया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में सभी डाक्टरों के अलावा उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों ने वन्यप्राणियों को निश्चेतना करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की बारीकियों से अवगत हुए। यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से वन्यप्राणियों के रेस्क्यू के दौरान लाभप्रद होगा तथा वन्यप्राणियों के निश्चेतना, रेडियो कॉलर करने, बीमारियों का इलाज करने में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर निर्भरता कम करेगा।

तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन समारोह सह फिल्ड डिमास्ट्रेशन के अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रबंध संचालक वन विकास निगम राजेश गोवर्धन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक भू-प्रबंध सुनील कुमार मिश्रा, मुख्य वन संरक्षक रायपुर एस.एस.डी. बड़गैय्या, संचालक सह वनमण्डलाधिकारी एम. मर्सीबेला सहित वरिष्ठ अधिकारीगण, अधीक्षक, सहायक वन संरक्षक, वनक्षेत्रपाल, वनपाल, फॉरेस्ट गार्ड एवं विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे।