जयपुर. राजधानी जयपुर में राइजिंग राजस्थान समिट के समापन दिवस में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने राजस्थान के लोगों को ज्ञान, हुनर और संवेदना का धनी बताया. साथ ही कहा कि राजस्थानी लोग जन्म से ही धंधा सीख कर आते हैं. केंद्र सरकार प्रदेश के युवाओं को 5 अंतरराष्ट्रीय भाषाएं सिखाने की व्यवस्था करने में मदद करेगी.

समापन दिवस के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, राजस्थान ने राइजिंग राजस्थान समित के माध्यम से आर्थिक विकास का जो रास्ता तैयार किया है उसका प्रभाव सारे देश पर पड़ेगा. कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के माध्यम से राजस्थान के लिए 35 लाख करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित हुआ है और राजस्थान अपनी उद्यमशीलता की बदौलत आने वाले समय में ना केवल देश बल्कि पूरी दुनिया का आर्थिक केंद्र बन जाएगा.

आगे कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में शानदार उपलब्धि हासिल की है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ये भजन लाल शर्मा का नसीब है कि पहले ही साल में बाउंड्री पार कर दी है. 35 लाख करोड़ के निवेश के लिए समझौते हो चुके हैं और मुझे बताया गया आने वाले समय में 4-5 लाख करोड़ रुपए का और निवेश आ जाएगा, लेकिन 35 लाख करोड़ का निवेश भी प्रदेश के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता का परिचय है.

राजस्थान का आर्थिक सशक्तीकरण और युवाओं को रोजगार

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस प्रयास से राजस्थान का आर्थिक सशक्तीकरण होगा और युवाओं को रोज़गार मिलेगा और ये दो काम सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि पूरे देश पर उसका प्रभाव पड़ेगा.

राजस्थान के मारवाड़ी समाज के उद्यम को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तारीफ की है. उन्होंने कहा कि ओडिशा में कहावत है कि जहां बैलगाड़ी नहीं पहुंचती वहां मारवाड़ी पहुंच जाता है. एक समय यह समाज विवश होकर प्रदेश से बाहर चला गया. लेकिन आज किसी भी देश के या विदेश के कोने में जाइए तो आपको धर्मशाला, गोशाला के रूप में राजस्थान की उद्यमशीलता की झलक मिलेगी, जो राजस्थान की देश को एक देन है. आज समय का चक्र फिर बदल चुका है. राजस्थान एक नई ऊंचाई पर जाने का तय कर चुका है. राजस्थान सिर्फ एक भूखंड नहीं है, ये भारत की समग्रता का एक जीती-जागती प्रयोगशाला है.”

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राजस्थान में प्रकृति बहुत मेहरबान नहीं है. इसके बावजूद मानव संबल, साहस और उद्यम के दम पर राजस्थान में 11 प्रतिशत का आर्थिक विकास हो रहा है. एनसीआर का 25 प्रमुख हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है. राजस्थान में महत्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई आर्थिक कॉरिडोर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है. भारत अभी दुनिया में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था है और अगले तीन सालों में यह तीसरे नंबर पर आ जाएगा. 2047 तक भारत दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था बन जाएगा और राजस्थान इसका नेतृत्व करेगा.

जयपुर-जैसलमेर का दुनिया का आर्थिक केंद्र बनना तय

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, राजस्थानी लोगों का हुनर उनकी उद्यमशीलता है. उन्होंने कहा, “जिस उद्यमशीलता को देश के दूसरे हिस्सों को समझाना भी मुश्किल होता है. वहीं राजस्थान के लोग तो धंधा जन्म से ही सीख कर आते हैं. ये सबसे बड़ी पूंजी है. अगर खाड़ी के दुबई और अबु धाबी विश्व की अर्थनीति के केंद्र बन सकते हैं तो जयपुर और जैसलमेर का दुनिया का आर्थिक केंद्र बनना तय है.”

शिक्षा आधारित इकोनॉमी बनकर उभरेगा राजस्थान

शिक्षा में नए आयामों और विस्तार पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी राजस्थान एक अहम स्थान रखता है और आने वाले दिनों में राजस्थान एक शिक्षा आधारित इकोनॉमी भी बन कर उभरेगा. उन्होंने कहा कि देश भ्रमण करते हुए उन्होंने पाया कि देश में ज्यादातर चार्टर्ड अकांउंटेंट राजस्थान के होते हैं. उन्होंने कहा, “सिर्फ भौतिक संसाधनों से ही समाज आगे नहीं जाता है. जिस समाज में ज्ञान, हुनर और संवेदना रहती है, वह समाज आगे बढ़ता है. राजस्थान इन तीनों गुणों में धनी है.”

आगे कहा, नई शिक्षा नीति में भाषा पर बहुत ज़ोर दिया गया है और केंद्र सरकार राजस्थान के युवाओं को 5 अंतरराष्ट्रीय भाषाएं सिखाने की व्यवस्था में मदद करेगी. उन्होंने कहा, “राजस्थान सरकार जो भी 5 अंतरराष्ट्रीय भाषाएं चुनेगी, उसके लिए भारत सरकार राजस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी, एनआईटी जयपुर और आईआईटी जोधपुर के साथ जुड़कर एडवांस लैब तैयार करेगी.”