रायपुर- राज्य शासन ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के ईएनसी टी जी कोसरिया की छुट्टी कर दी है. उन्हें विभाग में ही ओएसडी बनाया गया है, उनके स्थान पर डाॅ.एम एल अग्रवाल को प्रभारी ईएनसी बनाया गया है.
विभागीय सूत्र बताते हैं कि मंत्री रूद्र गुरू और टी जी कोसरिया के बीच कई मसलों को लेकर चल रहे टकराव का यह नतीजा है. बीते दिनों ईएनसी के अधिकार क्षेत्र को सीमित कर दिया गया था. परचेसिंग आर्डर जारी करने का अधिकार भी कोसरिया से लेकर जिला स्तर के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को सौंप दिया गया था. सूत्र दावा करते हैं कि यह पूरा मामला कमीशन के बड़े खेल से जुड़ा था. कोसरिया इसमें फिट नहीं बैठ रहे थे, लिहाजा उनसे यह जिम्मेदारी छिन ली गई थी.
सरकार ने ही किया था अग्रवाल को निलंबित
प्रमुख अभियंता डाॅ.एम एल अग्रवाल को वित्तीय अनियमितता के आरोप में फरवरी 2019 में सरकार ने निलंबित कर दिया था. उनके खिलाफ जांच भी बिठाई गई थी. अग्रवाल के खिलाफ निविदा नियमों की अनदेखी कर अपने चहेते ठेकेदारों को काम देने का आरोप था. प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद ही उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी. पीएचई के उप सचिव ने निलंबन आदेश जारी करते हुए आदेश में कहा था कि डाॅ. एम एल अग्रवाल ने परिक्षेत्र रायपुर के समूह योजनाओं साजा, बेमेतरा एवं नवागढ़ की निविदाओं में नियमों की अवहेलना तथा गंभीर अनियमितता की है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम- 1965 के विपरीत है. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के तहत निलंबित किया गया है. जिस वक्त अग्रवाल को निलंबित किया गया था, तब पीएचई मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी प्रकार की अनियमितता व कर्तव्य के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद आर्थिक अनियमितता का आरोप झेल चुके अग्रवाल को प्रभारी ईएनसी बनाए जाने की प्रशासनिक गलिराये में जमकर चर्चा हो रही है. विभाग में यह चर्चा आम है कि टी जी कोसरिया को हटाकर उनके बहुत जूनियर अधिकारी को प्रभार देना उचित नहीं है.