रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को कांग्रेस के ‘तुष्टिकरण चरित्र’ का प्रतीक बताकर कहा है कि कांग्रेस अपने इसी चरित्र के चलते रसातल में जा रही है। श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के जम्बो आकार से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस राजनीतिक भटकाव के दौर से उबर नहीं पा रही है और कांग्रेस का वजूद बचाने की गरज से सबको पद थमाकर तुष्टिकरण से पार्टी चलाई जा रही है।

इससे यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस गहन राजनीतिक अंतद्र्वंद्व की शिकार है और उसके नेता अपने ही पार्टी संविधान को नहीं मान रहे हैं। अब ऐसे लोगों को संविधान की दुहाई देना शोभा नहंी देता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पार्टी को गर्त में जाने से तो रोक नहीं पा रहे हैं, विकास के लिए बहस की चुनौती वे किस मुंह से दे रहे हैं? प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र ही तुष्टिकरण का रहा है, चाहे वह धर्म के आधार पर हो, जाति-वर्ग के आधार पर हो या फिर राजनीतिक तौर पर हो।

अपने इसी चरित्र के चलते कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए पंचायत से लेकर संसद तक सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का अवमूल्यन किया और आज लोकसभा में 44 सीटों में सिमटकर तथा बीस राज्यों की सत्ता से बाहर होकर अपने राजनीतिक अवमूल्यन पर प्रलाप करने के लिए विवश है। श्री कौशिक ने कहा कि सत्ता में रहकर और सत्ता से बेदखल होकर भी कांग्रेस अपने ‘तुष्टिकरण-चरित्र’ से उबर नहीं पा रही है। प्रदेश की जनता आने वाले चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस को ऐसा सबक सिखाएगी कि तुष्टिकरण के चलते वह किसी भी संस्था का अवमूल्यन करने लायक नहीं रह जाएगी।