हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन की संभावनाएँ बढ़ रही हैं. कांग्रेस का मानना है कि वह इस चुनाव में मजबूत स्थिति में है और 10 साल बाद सत्ता में वापसी कर सकती है. हालांकि, राहुल गांधी की सलाह पर हरियाणा में AAP के साथ गठबंधन को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं.

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, इस पहल की शुरुआत राहुल गांधी ने की है. सोमवार शाम को हुई केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं से इस बारे में विचार-विमर्श किया. गठबंधन पर चर्चा के लिए पार्टी ने केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है, जिसमें दीपक बाबरिया, अजय माकन और भूपेंद्र हुड्डा शामिल हैं.

हरियाणा में इससे पहले दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था. राज्य की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 9 सीटों पर और AAP ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थीं, जबकि AAP कुरुक्षेत्र सीट पर हार गई थी.

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कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं से पूछा कि क्या हरियाणा में AAP के साथ गठबंधन किया जाना चाहिए? साथ ही उन्होंने संभावित गठबंधन के फायदे और नुकसान पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.

कांग्रेस पार्टी चाहती है कि वह हरियाणा में जीत की संभावना को मजबूत बनाए. पार्टी चिंतित है कि यदि AAP सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तो वोटों का बंटवारा हो सकता है. इससे भाजपा के खिलाफ पड़ने वाले वोट एकजुट नहीं हो पाएंगे. कांग्रेस को पहले से ही दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP), इनेलो, आजाद समाज पार्टी और बसपा जैसे दलों के कारण वोटों के बंटवारे की चिंता है. ऐसी स्थिति में AAP के अलग से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. इसलिए कांग्रेस संभलकर कदम उठाना चाहती है और किसी भी तरह के अतिआत्मविश्वास से बचने का प्रयास कर रही है.

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राहुल गांधी ने सोमवार को चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा के नेताओं को यह सुझाव दिया था. हालांकि, हरियाणा कांग्रेस के कुछ नेता सीटों के बंटवारे के पक्ष में नहीं थे, लेकिन राहुल गांधी की सलाह के बाद इस पर विचार-विमर्श तेज हो गया है. भूपेंद्र हुड्डा का खेमा AAP को 4 सीटें देने के पक्ष में है, लेकिन अंत में 7 सीटों पर सहमति बन सकती है. शुरुआत में AAP ने 20 सीटों की मांग की थी, लेकिन अब उन्होंने 10 सीटों पर अपनी मांग को सीमित कर दिया है. इस पर चर्चा के लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और AAP नेताओं की जल्दी ही बैठक होगी.

लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी और कांग्रेस ने INDIA गठबंधन के साथ विपक्षी एकता बनाए रखने का संदेश दिया था. कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के लिए कई राज्यों में सीटें छोड़ी थीं, और उसका कहना था कि भाजपा के खिलाफ अलायंस के लिए यह जरूरी है. हरियाणा में भी कांग्रेस यही संकेत दे रही है. राहुल गांधी और उनकी पार्टी चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में बनी विपक्षी एकता बरकरार रहे. AAP के लिए यह एक बड़ी सफलता हो सकती है, जिसमें उसे बिना संघर्ष के कुछ सीटों पर जीत भी मिल सकती है.