नई दिल्ली। कांग्रेस ने बस्‍तर के नगरनार स्थित एनएमडीसी के स्‍टील प्‍लांट के निजीकरण का मुद्दा फिर से उठाया है. कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए एनएमडीसी स्टील प्लांट का वित्त वर्ष 2025 के अंत तक निजीकरण तय बताया है.

कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया ‘एक्‍स’ में किए अपने एक पोस्‍ट लिखा है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनाव के दौरान बस्‍तर की जनता से किए गए वादे की याद दिलाते हुए लिखा है कि ‘क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा!’

जयराम ने अपने पोस्‍ट में लिखा है कि ऐसा लगता है कि बस्तर के NMDC स्टील प्लांट का वित्त वर्ष 2025 के अंत से पहले निजीकरण तय है. उन्‍होंने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, 3 अक्टूबर 2023 को नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने स्टील प्लांट का उद्घाटन किया था. इस अवसर पर उन्होंने वादा किया था कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के लोगों की संपत्ति है, और उनकी ही रहेगी.

19 अक्टूबर 2023 को स्वयंभू चाणक्य ने प्रधानमंत्री के वादे को दोहराते हुए कहा कि NMDC के बस्तर स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में इस बात पर आम राय बन गई कि स्टील प्लांट को नहीं बेचा जाना चाहिए. भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्लांट के निजीकरण पर आपत्ति जताई थी.

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मौकों पर निजीकरण को लेकर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. 21 फरवरी 2021 को नीति आयोग की बैठक में तो उन्होंने एक क़दम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि राज्य सरकार प्लांट के संचालन की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार है.

राज्य के राजनीतिक नेतृत्व की बातों पर ध्यान न देने और अपने वादों से पीछे हटने के बाद, नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और उनकी सरकार अब नगरनार स्टील प्लांट को बेचने की योजना को अंतिम रूप दे रही है. इसे कौन ख़रीद सकता है, वह एक अलग कहानी है.