पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. कांग्रेस की सत्ता वापसी रोकने के लिए भाजपा इस बार कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं दिख रही है. लिहाजा भाजपा नेता कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर जमीनी स्तर पर अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं. 30 अगस्त को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय अन्य शीर्ष नेताओं के साथ गरियाबंद जिले के प्रवास पर थे. जिले के दोनों विधानसभाओं के कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने अलग-अलग बैठकें की. पहले राजीम विधानसभा के कार्यकर्ताओ से गरियाबंद में मिले. इसके बाद देर शाम बिन्द्रानवागढ़ के कार्यकर्ताओं से मिलने प्रदेश के अंतिम छोर में बसे देवभोग पहुंचे. यहां वे देर रात तक मंडल और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधी बात करते रहे. 10 को राजधानी में होने जा रहे कार्यकर्ता सम्मेलन में बूथ प्रभारियों को शामिल होने की अपील करते नजर आए.

यह पहला अवसर था जब प्रदेश के बड़े ओहदे के नेता कार्यकर्ताओ के पास आकर उनसे सीधे संवाद किए हैं. पवन साय के अलावा भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, बिन्द्रानवागढ़ प्रभारी महेंद्र पंडित, भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी के अलावा जिला और मण्डल के सभी मोर्चा प्रकोष्ठों के प्रभारी मौजूद रहे.

कांग्रेस की भी तैयारी शुरू

कांग्रेस भी सत्ता पर कायम रहने के लिए अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. सीएम भूपेश बघेल पिछले चुनाव में हारी हुई सीट पर हार की वजह और जीत का मूलमंत्र देकर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. 28 अगस्त को बिन्द्रानवागढ़ से इसकी शुरुवात की गई है. पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी 10 हजार मतों से भाजपा के डमरूधर पुजारी से हार गए थे. 28 अगस्त को बिन्द्रानवागढ़ के सभी शीर्षस्थ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता सीएम हाउस तलब किए गए थे. सीएम भूपेश बघेल ने सभी से पिछली हार के कारण और अगामी चुनाव में जीत के लिए बनाए जाने वाले रणनीति पर राय मांगी.

जनता ने कांग्रेस को दोबारा लाने का मन बनाया- सुखचंद

एक दूसरे की तैयारी पर कांग्रेस और भाजपा का अपना-अपना तर्क है. कांग्रेस के वरिष्ठ और जिला उपाध्यक्ष सुखचंद बेसरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में आने के बाद सभी वर्गों का विकास होने के साथ ही छत्तीसगढ़िया का मान बढ़ा है. हर प्रदेशवासी छत्तीसगढ़िया सरकार को दोबारा लाने का मन बना चुका है. वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार पूरी तरह फ्लॉप है. किसी भी राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि राजधानी से लेकर तहसील स्तर में धरना प्रदर्शन हो रहा हो, न्यायपालिका के कर्मियों को भी सड़क में आना पड़ा है. 5 लाख से ज्यादा कर्मी अफसर हड़ताल पर हैं. धरना स्थल को बड़ा करना पड़ रहा है. समाज के सभी वर्गों में सरकार के प्रति नाराजगी भरी है.

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