विक्रम मिश्र, अयोध्या. रामपथ से 3800 बैम्बू लाइट और भक्तिपथ से 36 गोबो प्रोजेक्टर चोरी का मामला अब तुल पकड़ने लगा है. इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाने लगी है. मामले को लेकर सपा और कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया है. दोनों दलों का कहना है कि इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाखों रुपए की लाइट आखिर कैसे चोरी हो गई. ये चोरी नहीं, बल्कि घोटाला है. प्रशासनिक अफसर से लेकर सभी शामिल हैं. इसकी जांच होनी चाहिए.
अयोध्या में रामपथ पर लगी फैंसी लाइट्स चोरी मामले पर कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया, “ठेकेदार द्वारा कहा जा रहा है कि लाइट चोरी हो गई. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लाइट चोरी हो जाए ये संभव नहीं है. यहां बहुत निगरानी है, इतना पहरा रहता है. इसकी जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि इतनी लाइट लगाई ही नहीं गई थी. कुछ चोरी हुई भी है तो उसकी जांच की जाएगी. जिस ठेकेदार ने इसे लगाया है ये उसी की जिम्मेदारी है कि उसकी देखरेख करें. सुरक्षा में चूक की कोई बात नहीं है. इसे बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि करीब 3600 के आसपास लाइट चोरी हुई हैं.”
बता दें कि अयोध्या में रामलला के मंदिर की ओर जाने वाले रामपथ और भक्तिपथ पर लगाई गई 50 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की 3,800 ‘बैम्बू लाइट’ और 36 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ चोरों ने पार कर ली है. चोरी की ये घटनाएं अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में हुईं.
अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए ठेके के तहत फर्म यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स द्वारा रामपथ के पेड़ों पर 6,400 ‘बैम्बू लाइट’ और भक्तिपथ पर 96 ‘गोबो प्रोजेक्टर’ लाइट लगाई गई थीं. फर्म के प्रतिनिधि शेखर शर्मा के अनुसार रामपथ और भक्तिपथ पर लगाई गई 3,800 ‘बैम्बू लाइट’ और 36 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ चोरी हो गई हैं.
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