पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है। विपक्षी महागठबंधन में जहां सीटों के बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान जारी है, वहीं कांग्रेस ने अपने छह और उम्मीदवारों की नई सूची जारी कर दी है। इस नई सूची के साथ ही कांग्रेस अब तक कुल 60 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।

इन सीटों पर कांग्रेस ने उतारे अपने प्रत्याशी

कांग्रेस की ताजा सूची के मुताबिक वाल्मीकिनगर सीट से सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है। अररिया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने अबिदुर रहमान को उम्मीदवार बनाया है। वहीं अमौर से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री जलील मस्तान को टिकट दिया है। बरारी विधानसभा सीट से तौकीर आलम को, कहलगांव से प्रवीण सिंह कुशवाहा को और सिकंदरा (सुरक्षित) सीट से विनोद चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है। इन नामों के ऐलान के साथ कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति में अपनी तैयारियों में ढील नहीं देना चाहती, भले ही गठबंधन में आपसी सहमति न बन पाई हो।

महागठबंधन में संवादहीनता

विपक्षी महागठबंधन जिसमें कांग्रेस, राजद और अन्य दल शामिल हैं, फिलहाल आंतरिक कलह से जूझ रहा है। सीटों के बंटवारे को लेकर बात इतनी बिगड़ चुकी है कि अब बातचीत तक बंद हो चुकी है। सहयोगी दलों के बीच संवादहीनता की स्थिति है। सूत्रों के अनुसार अब भी कम से कम 10 ऐसी सीटें हैं जहां दो घटक दल आमने-सामने की लड़ाई के लिए तैयार बैठे हैं।

राजद ने बिना सहमति बांटे सिम्बल

राजद की तरफ से लगातार अपने उम्मीदवारों को सिंबल दिए जा रहे हैं, वह भी बिना सहयोगियों से सहमति लिए। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को तब लगा जब राजद ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम की कुटुम्बा सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया। इतना ही नहीं, राजद ने एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस के संभावित दावेदारों को दरकिनार करते हुए अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया। इससे साफ है कि महागठबंधन में दरार गहराती जा रही है और यह टकराव आगे चलकर कई सीटों पर सीधा मुकाबला बना सकता है खासकर कांग्रेस और राजद के बीच।

नामांकन की प्रक्रिया जारी

पहले चरण का नामांकन समाप्त हो चुका है और दूसरे चरण का नामांकन भी आज समाप्त हो रहा है। इसके बावजूद महागठबंधन अब तक यह तय नहीं कर सका है कि कौन सी सीट किस दल को दी जाएगी। इस असमंजस और आपसी खींचतान से साफ है कि विपक्षी गठबंधन बदलाव के दावे के बावजूद एकजुटता से कोसों दूर है।