रायपुर। दिन में शराबबंदी की मांग करने वाली भाजपा और भाजपा की बी टीम के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि दिन में शराबबंदी की मांग करते हैं, और रात के अंधेरे में शराब तस्करी करने और शराब तस्कर को संरक्षण देते है. भाजपा और भाजपा की बी टीम का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है. कांग्रेस को राज्य की जनता ने जनादेश दिया था. यह जनादेश 5 वर्षों के लिए है. यह बात कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने पत्रकारों से चर्चा में कही.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कर्जमाफी, 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान का दाम, 4000 रुपए मानक तेंदूपत्ता बोरा, छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री सहित अनेक वादों को कांग्रेस सरकार ने पूरा भी किया है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा भी किया था. शराबबंदी सहित घोषणापत्र में किये गये वादों को पूरा करने की दिशा में राज्य सरकार गंभीर और लगातार काम भी कर रही है. समितियां गठित की गई हैं. शराब की समस्या का मूल समाधान सामाजिक स्तर पर ही संभव है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने इस दिशा में दु़ढ़ इच्छाशक्ति के साथ कदम भी उठाये हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी शराब नीति बनाने के लिए काम कर रही है, जिसमें शराबबंदी होने की स्थिति में अवैध शराब और शराब तस्करी जैसी समस्याओं से निपटा जा सके. शराब बंदी हो भी जाये तो शराबतस्करी रोकनी होगी. सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए हैं. नगरीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा और भाजपा की सहयोगी दल जनता कांग्रेस पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी शराब का दुरुपयोग की साजिश कर रहे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा में सांसद प्रतिनिधि रहे और भाजपा का जिला कोषाध्यक्ष अनिल गुप्ता स्वयं की गाड़ी के साथ-साथ राज्य विद्युत मंडल की गाड़ियों में अवैध शराब परिवहन तस्करी करते हुए पकड़ा गया. इसे छुड़ाने के लिए बलौदा बाजार के जनता कांग्रेस के विधायक प्रमोद शर्मा स्वयं कवर्धा पहुंचे. यह भाजपा और भाजपा की बी टीम द्वारा पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के लिए अवैध शराब की तस्करी और शराब तस्करों को संरक्षण देने का स्पष्ट मामला है.

उन्होंने कहा कि यह दोनों ही राजनैतिक दल भाजपा और भाजपा की बी टीम लगातार शराबबंदी की मांग को लेकर बात करते रहे हैं, और भाजपा और भाजपा की टीम इन्हीं के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का आचरण प्रदेश की जनता के सामने उजागर हुआ है. भाजपा और भाजपा की बी टीम का शराबबंदी के समर्थक होने का मुखौटा पूरी तरह से हट गया है.