नई दिल्ली. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी को घोषणा पत्र नहीं बल्कि माफीनामा जारी करना था. वादा कर पूरा नहीं करते यह पूरा देश जान चुका है. भाजपा को पूरे पांच साल का हिसाब देना था. जो वादे किए थे, उसका क्या हुआ.

कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता के जरिए भाजपा के घोषणा पत्र पर सवाल खड़े किए. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने कहा कि एक तरफ झूठ और दूसरी तरफ न्याय है. कुछ लोगों को कुछ समय के लिए गुमराह किया जा सकता है, कुछ लोगों को हमेशा के लिए गुमराह किया जा सकता है, लेकिन सबको हमेशा के लिए गुमराह नहीं किया जा सकता है. मोदी पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे अलग-अलग भेष में देश के सामने आते हैं, कभी चौकीदार, तो कभी चायवाला, तो कभी कामदार के रूप में.

जुमलेबाजी के नाम रहे पांच साल

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा का मूलमंत्र रहा है झांसे में फांसो. आज के झांसा पत्र पर भरोसा कैसे करें. उन्होंने कहा कि पांच साल जुमलेबाजी के रहे. 125 वादों का हिसाब नहीं दिया, लेकिन अब न्याय होगा. उन्होंने सिलसिलेवार भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि 2014 में 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन 4 करोड़ नौकरियां चली गई. बेरोजगारी की दर 45 सालों में सबसे ज्यादा है. प्रधानमंत्री और भाजपा इस पर कुछ नहीं करते हैं.

जुमलों की खेती कर रहे मोदी

सुरजेवाला ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया है. लेकिन जिस गति से कृषि क्षेत्र का विकास हो रहा है, उससे किसानों की आय को दोगुना होने में 28 साल लग जाएंगे. किसान आज भी ठोकरें खा रहें और मोदी जुमलों की खेती कर रहे हैं. कालाधन पर पैसा आना तो दूर नोटबंदी के जरिए लोगों का जो बैंक में पैसा था, उसे भी लूट लिया. अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का वादा किया था, आज स्थिति यह है कि हर महीने सरकार 45 हजार करोड़ रुपए कर्ज ले रही है.

दलितों के आरक्षण पर किया हमला

सुरजेवाला ने कहा कि सामाजिक न्याय का भरोसा दिया था, लेकिन उसके उलट दलितों के आरक्षण पर हमला किया. एसटी-एससी सब प्लान को खत्म कर सरकार के संसाधनों से उन्हें वंचित कर दिया. आज हर 12 मिनट में एक दलित पर अत्याचार होता है, 24 घंटे में एक दलित महिला के साथ बलात्कार होता है. यह नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों का हवाला देते हुए कहा. वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी और सौ स्मार्ट सिटी बनाने से लेकर इसके अलावा डालर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत, गंगा की सफाई के लिए चलाए गए नमानी गंगे की सफलता पर सवाल उठाए.