रायपुर। छत्तीसगढ़ में महंगाई के खिलाफ कांग्रेसियों ने केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. इन आरोपों के साथ कि रमन सरकार ने पेट्रोल-डीजल में पड़ोसी राज्यों से ज्यादा वैट लगाकर रखी है. इसका असर सिर्फ तेल की कीमतों पर ही नहीं, बल्कि बाजार से लेकर घरेलु बजट तक हर कहीं दिख रहा है. ये और बात है कि बीजेपी सरकार कांग्रेस के तमाम आरोपों को दर किनार कर पहले ही कह चुकी है कि छत्तीसगढ़ में वैट में किसी तरह की कटौती नहीं की जायेगी और पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटेंगे. जिसके बाद अब कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ इसी मुद्दे को लेकर हल्ला-बोल प्रदर्शन किया.
कांग्रेसियों द्वारा यह प्रदर्शन राजीव गांधी चौक पर किया गया है,कांग्रेस द्वारा किये गये अनूठे प्रदर्शन के दौरान जिप्सी में पीएम से लेकर सीएम और जेटली से लेकर शाह तक सब नजर आ रहे हैं. कांग्रेसियों ने इस जिप्सी में रस्सी बाँध दिया . और इस जिप्सी को आम जतना खींच रही हैं आम जनता है. दरअसल कांग्रेस ने कुछ इसी तरीके से सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया है. रायपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल से लेकर वरिष्ठ विधाय़क सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, सांसद छाया वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे. कांग्रेसी गैस सिलेण्डर ठेले में रखकर ये बता रहे थे कि कांग्रेस शासन में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत क्या थी और आज मोदी सरकार में क्या है.
पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर निशाना साधते मंत्री अमर अगवाल को अहंकारी मंत्री बताया है.उन्होने राज्य सरकार से पूछा है की क्या कारण है की प्रदेश मे पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम किया जा रहा है. उन्होने तत्काल राज्य सराकर से पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम किये जाने की मांग की हैं.
छत्तीसगढ़ में पेट्रोलियम पदार्थों को लेकर लगातार धरना-प्रदर्शन चल रहा है. लेकिन सरकार का यह कहना है कि यहां वैट अन्य राज्यों की तुलना में कम है. ये और बात है कि बीजेपी शासित गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश , बिहार जैसे राज्यों ने वैट कम पेट्रोल और डीजल में के दामों को घटाकर जनता को राहत दी है. लेकिन सेल्स टैक्स मंत्री अमर अग्रवाल कहते हैं कि हम दाम नहीं घटाएंगे.
तो पेट्रोल पर बलाल और दंगल जारी है. विपक्ष अपनी भूमिका अदा कर रहा, सरकार अपनी राग अलाप रही है. और पस्त है बेचारी जनता. जनता इस उम्मीद में है कि देर-सबेर शायद फैसला जन हित में हो. लेकिन जो तेवर मंत्री के हैं उससे तो फिलहाल ऐसी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.