पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गर्म है। इस बार कांग्रेस ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की चेयरपर्सन और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सम्राट चौधरी पर उम्र और चुनावी हलफनामे में फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगाया।
जादू की तरह बदलते हैं उम्र
सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा नेता सम्राट चौधरी अपने आपको “महामानव” समझते हैं और अपनी उम्र को अपने हिसाब से बढ़ा-घटा लेते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा बिहार में बीजेपी जादू कर रही है। इस जादू के तहत सम्राट चौधरी कभी 56 साल के हो जाते हैं, तो कभी 44 साल के।
हलफनामे में गलत जानकारी
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पहले उनकी डिग्री को लेकर सवाल उठे थे, और अब उम्र को लेकर कई झूठ सामने आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सम्राट चौधरी ने अपने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी दी है।
सुप्रीम कोर्ट का पुराना फैसला आया सामने
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 16 अक्टूबर 2003 के आदेश में यह स्पष्ट है कि सम्राट चौधरी की जन्म तिथि 1981 है। इसके अनुसार, उनकी उम्र वर्तमान में 44 वर्ष होनी चाहिए, जबकि उन्होंने अपने चुनावी दस्तावेज में 56 वर्ष बताई है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 173 के तहत उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष होनी चाहिए, और ऐसे में यह झूठ चुनावी अपराध की श्रेणी में आता है।
मंत्री पद से देना पड़ा था इस्तीफा
कांग्रेस ने याद दिलाया कि सम्राट चौधरी को पहले भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 2000 में जब उन्होंने परबत्ता सीट से चुनाव लड़ा था, तब उनकी उम्र को लेकर विवाद हुआ था। चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था और उनका निर्वाचन रद्द कर दिया गया था। दिलचस्प बात यह है कि उस समय उनके खिलाफ यह याचिका बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने दायर की थी।
उम्र का सहारा लिया गया था
कांग्रेस प्रवक्ता ने एक और खुलासा करते हुए कहा कि 1995 के तारापुर हत्याकांड में भी सम्राट चौधरी का नाम सामने आया था। उन्होंने बताया कि उस समय चौधरी ने अपने एफिडेविट में लिखा था कि वह सिर्फ 15 साल के नाबालिग हैं और इसी आधार पर उन्हें बेल मिली थी, लेकिन बाद में उनके 2010 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 28 साल बताई थी। सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यह सब सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि मोदी-शाह के नेतृत्व वाली राजनीति के फर्जीवाड़े का प्रतीक है।
मोदी-शाह ने मुंह में दही जमा लिया
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सम्राट चौधरी का मामला बीजेपी के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। जब बात अपने नेता की आती है तो मोदी और शाह दोनों मौन साध लेते हैं। इनकी सरकार फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के दम पर चल रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब इनकी असलियत समझ चुकी है और चुनाव में इसका जवाब देगी।
चुनाव आयोग पर भी उठे सवाल
सुप्रिया श्रीनेत ने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग के पास सुप्रीम कोर्ट का आदेश और सभी दस्तावेज मौजूद हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। चुनाव आयोग कुंभकरण की नींद सो रहा है। संविधान और चुनाव नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
नियमों का उल्लंघन
कांग्रेस नेता ने आचार संहिता के दौरान महिलाओं के खातों में ₹10,000 ट्रांसफर किए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है और भाजपा वोट खरीदने की कोशिश कर रही है। चुनाव आयोग तमाशबीन बन गया है, जबकि संविधान की गरिमा दांव पर लगी है।
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