पटना/दिल्ली। बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू से महागठबंधन के सीएम फेस पर सवाल पूछा गया। पहले तो उन्होंने इसे टालने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्होंने साफ कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री जनता तय करेगी। हालांकि राजद और मुकेश सहनी की पार्टी VIP तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस प्रोजेक्ट कर चुकी हैं।
नए साथी को मौका मिलेगा
सीट शेयरिंग को लेकर कृष्णा अल्लावरू ने कहा कि जब गठबंधन में नए साथी शामिल होंगे तो सभी को कंप्रोमाइज करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर प्रदेश में अच्छी और बुरी सीटें होती हैं और बंटवारे में दोनों का ध्यान रखना जरूरी है। सीट शेयरिंग का फैसला समय पर लिया जाएगा।
कांग्रेस का मेनिफेस्टो पर बोले
अल्लावरू ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस अपना अलग मेनिफेस्टो जारी नहीं करेगी बल्कि महागठबंधन का एक साझा मेनिफेस्टो होगा। उन्होंने बताया कि मेनिफेस्टो को लेकर हर घर अधिकार यात्रा निकाली जाएगी जिसमें लोगों को महागठबंधन के मेनिफेस्टो के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बिहार में बढ़ते अपराध पर बोले
कृष्णा अल्लावरू ने बिहार में बढ़ते अपराध और पेपर लीक की घटनाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बीजेपी के शासन में अपराध बढ़े हैं और युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक वोट चोरी से सरकार बनती रहेगी बिहार का विकास नहीं हो सकता। वोटर अधिकार यात्रा के माध्यम से कांग्रेस ने लोगों को यह समझाने की कोशिश की है कि वोट चोर गद्दी छोड़ो।
वोट चोरी, बिहार की हर समस्या की जड़
अल्लावरू ने यह भी कहा कि बिहार की हर समस्या की जड़ वोट चोरी है और बिहार की हालत बदलने के लिए सरकार बदलनी होगी। मंगलवार को हुई बैठक में बिहार के चुनावों के बारे में गहराई से चर्चा की गई जिसमें सीट शेयरिंग कैंडिडेट सिलेक्शन और मेनिफेस्टो पर मंथन हुआ।
कांग्रेस ने 70 सीटों की डिमांड की
कांग्रेस का सीट बंटवारे पर कड़ा रुख
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अपनी सीट बंटवारे की रणनीति साफ कर दी है। मंगलवार को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 70 सीटों से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है। 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन 51 सीटों पर हार का सामना किया था। केवल 19 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग: पार्टियों की डिमांड
VIP (विकासशील इंसाफ पार्टी) की डिमांड: 60 सीटों के साथ डिप्टी सीएम पद
मुकेश सहनी की पार्टी VIP ने महागठबंधन में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने और डिप्टी सीएम पद की डिमांड की है। सहनी ने कई बार मंचों से यह बात दोहराई है कि सीटों पर समझौता हो सकता है लेकिन उपमुख्यमंत्री पद पर कोई समझौता नहीं होगा। 2020 के चुनाव में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने वाली VIP को 11 सीटें मिली थीं लेकिन बाद में उनके सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे।
लेफ्ट की डिमांड: 40 सीटें
लेफ्ट पार्टियों ने महागठबंधन में 40 सीटों की डिमांड की है। उनका कहना है कि बिहार में उनकी पकड़ मजबूत है, इसलिए उन्हें सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए। 2020 में लेफ्ट ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 सीटों पर जीत हासिल की थी।
JMM की डिमांड 10 सीटें
हेमंत सोरेन की पार्टी JMM ने भी महागठबंधन में 10 सीटों की डिमांड की है। पार्टी का कहना है कि उनकी पकड़ आदिवासी बेल्ट में मजबूत है जैसा कि झारखंड चुनाव में दिखा था।
RLJP (राष्ट्रीय लोकजन शक्ति पार्टी) की स्थिति
पशुपति पारस की पार्टी RLJP, जो अब महागठबंधन का हिस्सा है ने अभी तक कोई सीट डिमांड नहीं की है। हालांकि RJD अपनी कोटे से इन्हें सीट दे सकता है।
RJD की स्थिति: 100 सीटों से कम पर समझौता नहीं
2020 के विधानसभा चुनाव में RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 75 सीटों पर जीत हासिल की थी। RJD का कहना है कि वह 100 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगा।
महागठबंधन में अगले कदम
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा, कैंडिडेट्स का चयन और मेनिफेस्टो पर चर्चा लगातार जारी है। कांग्रेस और अन्य महागठबंधन पार्टियों ने अपनी-अपनी डिमांड रख दी हैं और अब सभी पार्टियां इस पर विचार कर रही हैं। आने वाले दिनों में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन की रणनीति और भी स्पष्ट हो जाएगी।
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