रोहित कश्यप, मुंगेली। मुंगेली नगरपालिका सीएमओ राजेन्द्र पात्रे को हटाने जाने की मांग करते हुए खुलकर विरोध में उतर आए हैं. की मांग को लेकर पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है. नगरपालिका कार्यालय के सामने नगरपालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से लेकर कांग्रेस और भाजपा के पार्षद अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. लेकिन सीएमओ ने लॉकडाउन का हवाला देते हुए धरना खत्म करा दिया.

सीएमओ राजेंद्र पात्रे और पालिका प्रतिनिधियों के बीच का विवाद नया नहीं है. सप्ताहभर पूर्व पार्षदों ने कलेक्टर पीएस एल्मा से सीएमओ पात्रे की शिकायत करते हुए 12 बिन्दुओ पर ज्ञापन सौंपते हुए 7 दिवस के भीतर हटाने की मांग की थी, लेकिन जब कलेक्टर ने कार्रवाई नहीं की तो पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा और बढ़ गया और मंगलवार को नगर पालिका कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. साथ ही चेतावनी दी कि जब तक सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, वे धरने पर बैठे रहेंगे.

धरने में नगर पालिका अध्यक्ष सन्तु लाल सोनकर, उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के साथ भाजपा पार्षद मोहित बंजारा, रूपेश भारद्वाज, जितेंद्र दावड़ा, अंजलि यादव, मोना नागरे, संतोषी जांगड़े, मोतिम सोनकर, गायत्री देवांगन, सुशीला साहू के साथ कांग्रेस पार्षद श्रीनिवास सिंह, संजय सिंह, राजशेखर यादव शामिल रहे.

पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों को धरने पर बैठने की जानकारी मिलते ही प्रशासन सक्रिय हुआ और मौके पर पहुंचे तहसीलदार अमित सिन्हा ने कोरोना महामारी एक्ट के नियम के विरुद्ध बगैर अनुमति के धरना दिए जाने की बात कहते हुए धरना समाप्त करवाया. बाजी सीएमओ के हाथ में जाते देख पालिका प्रतिनिधियों ने अपना धरना ही समाप्त करना बेहतर समझा. लेकिन मांग पूरी नहीं होने से आक्रोशित जनप्रतिनिधियों ने 17 अगस्त से धरना देने की बात कही है.

नगर पालिका अध्यक्ष सन्तु लाल सोनकर ने lalluram से चर्चा में कहा है कि प्रशासन के दबाव के चलते धरना समाप्त करना पड़ा. सीएमओ ने उन्हें और कुछ पार्षदों को कोरोना महामारी एक्ट उल्लंघन सबंधी नोटिस जारी किया था,. जिसमें कहा गया कि धरना समाप्त करें अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब कलेक्टर से अनुमति लेने के बाद 17 अगस्त से धरना दिया जाएगा.