रायपुर. बजट पर प्रहार जारी रखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बजट के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार का बजट जनविरोधी और कारपोरेट फ्रेंडली बजट है. इसमें गांव, गरीब, मजदूर, किसान, महिला, नौजवान और छात्र सबकी उपेक्षा की गई. बजट से जुड़े कुछ आंकड़े जारी करते हुए त्रिवेदी ने कहा है कि हकीकत में या बेहद निराशाजनक और खोखला बजट है-

#Budget2020

केंद्रीय जनकल्याण योजनाओं में 38,969 करोड़ की कटौती.

बजट एस्टीमेट 2019-20= 8,70,794 करोड़
बजट एस्टीमेट 2020-21= 8,31,825 करोड़

इसका नतीजा आम जनता भुगतेगी, इसीलिए तो कहा गया है कि रख लो आइने हजार तसल्ली को, पर सच के लिए आँखे मिलानी पड़ती हैं.

न रोज़गार और स्किल डिवेलप्मेंट की दरकार,
न महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण से सरोकार.

बजट 2019-20 बनाम बजट 2020-21

रोज़गार-स्किल्ड डिवेलप्मेंट के बजट में 1088 करोड़ की कटौती. (7260-5372 करोड़)

महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के बजट में 167 करोड़ की कटौती।(1330-1163 )

MGNAREGA के बजट में ₹9,502 करोड़ घटे

रिवाइज्ड एस्टीमेट 2019-20=₹71,002 करोड़
बजट एस्टीमेट 2020-21 =₹61,500 करोड़

7% NAREGA मज़दूरों को भी 150 दिन काम नहीं मिल रहा

NAREGA में मिलने वाला पैसा अब राज्यों के ‘मिनिमम वेज’ से कम

अबकी बार, मज़दूर पर वार,
ये है मोदी सरकार.

रेल बजट में ₹3,279 करोड़ की कटौती।
बजट एस्टीमेट 2019-20 = ₹94,071 करोड़
बजट एस्टीमेट 2020-21 = ₹90,792 करोड़

पर डींगे हाँक रहे 27,000 किलो मीटर रेल लाइन की इलेक्ट्रिफ़िकेशन की।

क्या पिछला कोई टारगेट पुरा हुआ?

इसे कहते हैं-
घर में नही दाने,
अम्मा चली भुनाने.

सेना के नाम पर वोट माँगकर सत्ता हथियाने वाली मोदी सरकार ने बजट कटौती में सेनाओं को भी नहीं बख्शा.

डिफ़ेन्स रिवाइज्ड एस्टीमेट 2019-20= 3,16,296 करोड़

डिफ़ेन्स बजट 2020-21= ₹3,23,053 करोड़

मात्र 6,757 करोड़ की बढ़ोतरी,
जबकि महँगाई दर है 7.5%

‘देश नही बिकने दूँगा’ भी जुमला!

सच तो यह है 72 साल में बनाई देश की जितनी भी मूल्यवान संपति है,सब बेच देंगे. मोदी सरकार ने LIC को भी बिक्री के रास्ते में बैठा दिया है. बजट में सरकारी सम्पति बेच 2,01,000 करोड़ कमाने का लक्ष्य.

ये है-मुफ़्त का माल सस्ते में!

अब ‘ज़ीरो गवर्नन्स, मैक्सिमम गवर्नमेंट’ है

सिर्फ़ एक व्यक्ति- मोदीजी की सुरक्षा वाली SPG का 2020-21 बजट =₹592 करोड़
2019-20 में सब की SPG सिक्यरिटी पर खर्च = 471 करोड़

मंत्रीमंडल पर 1 साल में खर्च बढ़ा 172.72 करोड़
BE FY 2019-20 =  594.11CR
BE FY 2020-21 = 766.83CR

‘टू नेशन थ्यूरी’ वाली भाजपा ने अब ‘दो इनकम टैक्स’ प्रणाली लागू कर करदाताओं के विभाजन का प्रयास किया है.

नौकरी पेशा के लिए टैक्स की नई स्लैब केवल भटकाने वाली ‘भूलभूलिया’ है.

असल में नई टैक्स स्लैब में पुरानी टैक्स स्लैब से अधिक टैक्स देना पड़ेगा.

हलवा खुद खा गए,
झटका किसान को दे दिया.

फ़ूड सब्सिडी का बजट ₹68,650 करोड़ कम.
BE FY 2019-20 = ₹1,84,220 करोड़
BE FY 2020-21 = ₹1,15,570 करोड़

खाद की सब्सिडी कम की ₹8,687 करोड़
BE FY 2019-20 = ₹79,996 करोड़
BE FY 2020-21 = ₹71,309 करोड़

अर्थव्यवस्था को ‘अनर्थ व्यवस्था’ में बदल दिया.

न दशा, न दिशा, केवल हताशा.

विकास ग़ायब है,
रोज़गार गुम है,
निवेश बंद है,
खेती संकट में है,
कंजम्प्श्न हवा-हवाई है,
व्यापार पर तालाबंदी है,
GDP औंधे मुँह गिरी है,

कुल मिलाकर देश आर्थिक आपातकाल की स्थिति में है.

1. पाँच ट्रिलियन इकोनामी जुमला ही निकली?

2. बजट में रोज़गार शब्द का ज़िक्र तक नहीं ?

3. पाँच नए स्मार्ट सिटी बनाएँगे?
पिछले सौ स्मार्ट सिटी का ज़िक्र तक नहीं!

4. ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या बढ़ कैसे गई.