रायपुर. छत्तीसगढ़ की जनता सोचे कि यदि मोदी फिर आये तो क्या होगा? जिसकी कोई संभावना ही नहीं है लेकिन यदि मोदी सरकार धोखे से फिर से बन गई तो छत्तीसगढ़ में किसानों और गरीबों के लिए चल रही योजनाएं बंद हो जाएगी या दम तोड़ देगी. यह बात कांग्रेस ने अपने बयान के जरिए लोगों को आगाह करते हुए कही है.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मोदी सरकार पर गरीब विरोधी, किसान विरोधी, छत्तीसगढ़ विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की ही तरह केन्द्र में भी कांग्रेस की सरकार बने. छत्तीसगढ़ को बेहाल करने में मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. छत्तीसगढ़ सहित देशभर में चल रही गरीबों और छात्रों के लिये सस्ते दर में भोजन के लिए दिया जा रहा खाद्यान्न बंद कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए चल रहे दाल भात सेंटर और स्वयं सेवी संस्थाओं के द्वारा चलाए जा रहे छात्रावासों के भोजन शालाएं बंद हो गए. इसके पहल जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी तब भी मोदी सरकार ने रमन सरकार को किसानों को बोनस देने से रोका.

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने जब राज्य के किसानों को धान समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल देना शुरू किया तब भी मोदी सरकार ने राज्य सरकार के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया कि सेन्ट्रल पुल का चावल खरीदी का कोटा नहीं बढ़ाया जाएगा. मोदी सरकार के असहयोग के बावजूद कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपए में किसानों का धान खरीदा. मोदी सरकार ने निजी बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने राज्य के किसानों पर जबरिया फसल बीमा योजना थोपा था. बीमा कंपनियों को फसल बीमा से लगभग 22,000 करोड़ रुपए मिला, लेकिन किसानों को बीमा क्लेम की राशि लगभग 4500 करोड़ रुपए ही मिला.

उन्होंने कहा है कि यूपीए सरकार के द्वारा किसानों के हित में लाये गये भू-अधिग्रहण कानून के प्रति मोदी सरकार का रवैया किसी से छुपा नहीं है. संसद में कांग्रेस के मुखर विरोध के कारण मोदी सरकार भू-अधिग्रहण कानून में संशोधन तो नहीं कर पाई, लेकिन केन्द्र के दबाव में भाजपा की राज्य सरकारें इस कानून का पालन नहीं कर रही थी. किसान ही नहीं मोदी सरकार आदिवासी विरोधी भी है. यही कारण है कि वन क्षेत्रों में रहने वालों के लिये वन अधिकार पट्टों की कानूनी लड़ाई में सरकार का पक्ष रखने के लिये मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वकील ही नहीं खड़ा किया.

त्रिवेदी ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में लिए गए निर्णयों से साफ है कि मोदी सरकार की प्राथमिकता में गरीब और किसान कभी रहे ही नहीं, यदि धोखे से भी केन्द्र में फिर से मोदी सरकार बन गई तो देश के गरीब और किसानों की हालत और बुरी हो जाएगी, इसलिए गरीब हित में, किसान हित में और छत्तीसगढ़ हित में यही है कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बने.