कांकेर। ज़िले में स्थानीय पत्रकार सतीश यादव और कमल शुक्ला पर कांग्रेसियों के द्वारा की गई मारपीट के मामले में जाँच के लिए आये रायपुर से युवा विधायक व गृह विभाग में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रभावी पत्रकार सुरक्षा क़ानून शीघ्र लागू होने जा रही है। भूपेश सरकार की शुरू से ही पहली प्राथमिकता पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर रही है, चाहे वो पत्रकार मावोवादी प्रभावित बस्तर इलाक़े के हों या मैदानी शहरी क्षेत्र के।

विकास उपाध्याय ने साफ शब्दों में कहा जो लोग सरकार पर हमलावरों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं वह सरासर गलत व बेमानी है और इस बात को स्वयं हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी स्पष्ट कर चुके हैं। इसलिए इस पर किसी को शंका नहीं होना चाहिए। विकास उपाध्याय ने इस बात को दोहराया कि सत्ता में आने के बाद हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू करने का वादा किया था, जिसे कानूनी रूप देने कार्य अंतिम छोर पर है और बहुत जल्द यह कानून आपके बीच होगा जिसका इंतजार आप सभी को है ।

विकास उपाध्याय ने साफ शब्दों में कहा कि अब वो दिन गए जब पत्रकारों को कभी पुलिस नक्सली बताकर गिरफ़्तार करती थी तो कभी नक्सली पत्रकारों को पुलिस का गुप्तचर बताकर उनकी जान लेने से भी नहीं कतराते थे। उन्होंने आरोप लगाया की ये सब अंदर बाहर का खेल पिछली भाजपा सरकार में खूब फल फूल रहा था और इसकी आड़ में भाजपा सरकार 15 वर्षों तक खूब मजा करी। इतना ही नहीं इस दौरान बस्तर में पत्रकारों को खूब प्रताड़ित भी होना पड़ा है तो भाजपा अपने राजनैतिक फायदे के लिए नक्सलियों का समय के हिसाब से वैसा-वैसा उपयोग भी करते रही।

उन्होंने आज की जाँच को लेकर कहा गुनहगार किसी भी सूरत में बख्से नहीं जाएंगे। इस संबंध में सभी पहलुओं को बारीकी से जाना व देखा है। सभी पक्षों से जानकारी भी ली है।जिसका जाँच प्रतिवेदन कमेटी के सभी सदस्य तैयार कर प्रदेश कांग्रेस को सौंप देंगे।