रोहित कश्यप, मुंगेली। विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन था लेकिन राजनीतिक पार्टियां आखिरी दिन तक भी टिकिट नहीं मिलने से नाराज दावेदारों को लेकर डैमेज कंट्रोल और मान मनौव्वल के जोर आजमाइश के लिए कसरत करती नजर आई. जो नाम वापसी तक आगे भी चलता ही रहेगा. मुंगेली में कांग्रेस पार्टी के लिए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह बैस का पार्टी छोड़कर जोगी कांग्रेस में शामिल हो जाने का बवाल अभी थमा भी नहीं था कि इसी राह में चलते हुए मुंगेली विधानसभा में टिकिट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेसी नेता रूपलाल कोसरे जो कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष थे. उन्होंने न सिर्फ कांग्रेस पार्टी को त्याग पत्र दे दिया है बल्कि आज नामांकन के आखिरी दिन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर कर सबको चौंका दिया है.

रूपलाल कोसरे ने सप्ताह भर पहले ही पार्टी के नाम एक पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि 2003 से लेकर 2023 तक मैं विधानसभा का टिकट मांगते आ रहा हूं लेकिन पार्टी द्वारा मुझे तिरस्कार करते हुए, उपेक्षित किया जा रहा है. जबकि मैं कांग्रेस के धरना आंदोलन से लेकर लाठी खाने व जेल जाने से भी कभी पीछे नहीं हटा हूं, ब्लॉक से लेकर दिल्ली राजधानी में भी संगठन के कार्यक्रमों में मैंने हिस्सा लिया है. इसके बावजूद मुझे लगातार उपेक्षित किया जा रहा है. यही वजह है कि उपेक्षा का शिकार होने का हवाला देते हुए टिकिट नहीं मिलने से नाराज इस कांग्रेसी नेता ने बागी तेवर अपनाते हुए न सिर्फ पार्टी छोड़ा है बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने ऐलान कर दिया है. साथ ही आज उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया है.

कांग्रेस के लिए मुंगेली विधानसभा अभेद किला?

छत्तीसगढ़ प्रदेश अलग होने से पहले से लेकर वर्तमान तक ज्यादा तर समय यहां बीजेपी का कब्जा रहा है. पुन्नूलाल मोहले इस क्षेत्र के वर्तमान विधायक है जो कि 6 बार इस क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव जीत चुके है.2018 के चुनाव में कांग्रेस की लहर के बावजूद पुन्नूलाल मोहले अपनी सीट बचाने में कामयाब हो गए थे,उस दौरान भी आपसी गुटबाजी और भीतरघात जैसी बातें सामने आई थी, जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा और यहां सीट गंवाना पड़ा. आम लोगों की माने तो इस बार भी कांग्रेस में स्थिति कोई जुदा नजर नही आ रहा है और रूपलाल कोसरे जैसे कांग्रेस नेता ने सीधे तौर पर बगावत करके यह साबित कर दिया कि यहां कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नही चल रहा.भले ही बोलने वाले ऑल इज वेल की राग क्यों न अलापते रहे.